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Vaccination: मुर्गियों को वैक्सीन लगवाने से पहले इन 14 बातों का रखें ध्यान, तभी होगा फायदा

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. मुर्गियों को भी कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. जिसमें बाहरी परजीवी, आंतरिक परजीवी और काक्सीडियोसिस जैसी कई बीमारियां मुर्गी पालन पर बुरा असर डालती है. हर ​बीमारी का इलाज अलग है. कई बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन लगवा देने पर बीमारी मुर्गियों को अपनी जकड़ में नहीं ले पाती है. इसलिए सयम पर वैक्सीनेशन जरूर करा देना चाहिए. वैक्सीनेशन से मुर्गियों को बीमारियों से और पोल्ट्री फार्मिंग में होने वाले नुकसान से खुद को पोल्ट्री फार्मर बचा सकते हैं.

हालांकि वैक्सीनेशन कराते समय कुछ बातों का ध्यान देना बेहद ही अहम होता है. अगर इन बातों का ध्यान न दिया जाए तो वैक्सीनेशन का कोई फायदा नहीं होगा. आइए इसके बारे में जानते हैं कि टीकाकरण के दौरान क्या-क्या सामान्य सावधानी बरती चाहिए.

हमेशा इन बातों का रखें ख्याल

हमेशा रिप्यूटेटेड सोर्स से ही वैक्सीन को खरीदना चाहिए. बनने की और एक्सपायरी डेट की जांच जरूर करें.

बेस्ट रिजल्ट हासिल करने के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए.

वैक्सीनेशन के लिए जरूरी इनइफेक्टिव सुई, सिरिंज, वैक्सीनेटर और अन्य उपकरण का इस्तेमाल करें. डिस्पोजेबल सुइयों और सीरिंज यदि सस्ती हो तो उपयोग किया जा सकता है.

वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के निर्देशों के अनुसार साफ बर्तन का इस्तेमाल कर टीके का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए.

वैक्सीन को ठंड में या बर्फ की बाल्टी में रखा जाना चाहिए. टीके का उपयोग दो घंटे में कर लेना चाहिए.

वैक्सीन बनाने वाली कंपनी द्वारा बताई गई सटीक खुराक का उपयोग करें. क्योंकि कम मात्रा में पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलती है.

बेहतर इम्यून रिजल्ट के लिए, टीकाकरण से पहले आंतरिक परजीवी के इतिहास के साथ पक्षी को डीवर्मित किया जाना चाहिए.

अगर पीने के पानी के जरिए दिया जाने वाला टीका है तो ये जरूरी है कि पानी को ताजा, साफ और किसी भी दवाओं से मुक्त कर लें.

बेहतर प्रतिक्रिया के लिए टीकाकरण के दौरान तनाव रोधी या इम्यूनिटी को बढ़ाने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

दिन के ठंडे समय यानि सुबह या देर शाम टीकाकरण कराना चाहिए.

खाली वैक्सीन शीशियों को दफ्न या जलाकर टीकाकरण के बाद त्याग दें.

टीकाकरण के दौरान साफ कपड़ों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और टीकाकरण समाप्त होने के बाद उसे नष्ट कर देना चाहिए.

नंगे हाथ के साथ टीके को न छूएं. क्योंकि इसको छूने से दिक्कत हो सकती है.

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