नई दिल्ली. दुनियाभर में मत्स्य पालन हर साल बहुत तेजी से बढ़ रहा है. दुनिया की जीडीपी में 1.5 फीसदी रोल मछली सेक्टर का है. वहीं तकरीबन 200 मिलियन से ज्यादा लोग मछली पालन से ही रोजगार हासिल करके अपनी आजीविका चलाते हैं. जबकि बढ़ती जनसंख्या और खाद्य सामग्री में हो रही कमी के कारण मत्स्य पालन उद्योग के साथ-साथ अन्य उद्योगों जैसे कि मुर्गीपालन और पशुपालन इत्यादि को भी पर्याप्त बढ़ावा मिल रहा है. मत्स्य पालन में होने वाले खर्चों में आहार पर ज्यादा खर्च होता है. बाजार में उपलब्ध मत्स्य आहार मछली विशेष होने के कारण सभी प्रकार की मछलियों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं. इसलिए मत्स्य आहार के लिए नये और गैर पारंपरिक खाद्य सामग्री स्रोत खोजना व उपयुक्त आहार चयन बेहद ही जरूरत है.
एक्सपर्ट का कहना है कि मत्स्य आहार प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है. मछली के उचित विकास और ग्रोथ के लिए उसे संतुलित आहार दिया जाना बेहद ही जरूरी होता है. प्राकृतिक वातावरण में पालन की गयी मछली पोषक तत्वों के लिए तालाब में उपलब्ध प्राकृतिक आहार जैसे-प्लवक तथा उसको दिए गए आहार पर निर्भर करती है. मछली, जो आहार ग्रहण करती है उसका प्रभाव उसके स्वास्थ्य और ग्रोथ पर पड़ता है.
मछली पालकों को होता है नुकसान
एक्सपर्ट कहते हैं कि आहार में यदि महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होती है. तो मछली जीवित रहने, ग्रोथ हासिल करने व प्रजनन करने में सक्षम नहीं होती है. मत्स्य पालन में आहार का आर्थिक महत्व भी होता है और पालन लागत में इसकी लगभग 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी होती है. इसलिए उचित मत्स्य आहार प्रबंधन के अभाव में मछली पालकों को नुकसान होता है.
बिना फैट वाला मीट दें
ताजा और बर्फ वाला आहार पौष्टिक गुणों का अच्छा स्रोत होता है. विशेष आहार आवश्यकताओं वाली मछलियों के लिये ताजा मत्स्य आहार फायदेमंद होता है. मछली को प्रजनन के लिए तैयार करने के लिए ताजा मत्स्य आहार में उपलब्ध प्रोटीन फायदेमंद होता है. मांसाहारी मछलियों को विभिन्न प्रकार का मांस आहार के तौर पर खिलाया जा सकता है. मांस आहार में यह सलाह दी जाती है कि मछली को संक्रामक रोग से बचाने के लिए खिलाने से पहले मांस प्रोसेसिंग को कर लेना चाहिए. पाचन समस्याओं को रोकने के लिए गैर फैट वाला मांस या बहुत कम मात्रा में मछली को खिलाना चाहिए.
मछलियों को फ्रोजेन सब्जियां खिलाएं
आमतौर पर महली को खिलाए जाने वाले मांस आहार झींगा, स्कैल्प, सीप, क्लैम, मसल्स, केकड़ा, स्क्विड, चिकन, बीफ लीबर इत्यादि हैं. शाकणारी मछलियों के लिए कई ताजी और फ्रोजेन सब्जियां आहार के तौर पर खिलाई जाती हैं. वनस्पति पदाथों में वसा और प्रोटीन की मात्रा कम होती है, लेकिन आवश्यक कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और विटामिन उचित मात्रा में पाए जाते हैं. मछली को खिलाई जाने वाली सब्जियों में रोमेन लेट्यूस, पालक, गोभी, हरी मटर, ब्रोकोली, फूलगोभी, चुकंदर और स्ट्रॉबेरी प्रमुख हैं.
Leave a comment