नई दिल्ली. मुर्गी पालन एक बेहतरीन काम है और इससे भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. ज्यादातर लेयर मुर्गियों को पालकर अंडो का उत्पादन किया जाता है. जबकि देसी मुर्गियों को भी पालने पर अंडे उत्पादित होते हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री फार्मिंग में सबसे ज्यादा खर्च फीड पर आता है, क्योंकि ये मुर्गियों की हर दिन की जरूरत होती है. इसलिए पोल्ट्री फार्मर्स पोल्ट्री फीड पर आने वाले खर्च को कम करने के लिए कोशिश करते रहते हैं. वहीं पोल्ट्री फार्मर्स अक्सर पोल्ट्री फार्मर एक्सपर्ट से इस चीज को लेकर सवाल करते हैं कि कैसे पोल्ट्री फीड का खर्च कम किया जा सकता है.
आपको बता दें कि पोल्ट्री फीड का खर्चा बड़ी ही आसानी के साथ कम किया जा सकता है. हर दिन अगर आप उसे खर्चे में थोड़ा-थोड़ा बचा लेते हैं तो इससे आगे चलकर आपको ज्यादा फायदा मिलेगा. यहां हम आपको पोल्ट्री फीड का खर्च कम करने का तरीका साथ ही अंडो का बेहतर उत्पादन करने का तरीका भी बताने जा रहे हैं. इस खबर को पूरा और गौर से पढ़ें.
कितना फीड खाती हैं मुर्गियां
गौरतलब है कि अंडे देने वाली मुर्गियां को जो फीड दिया जाता है उसकी कीमत 35 से 40 रुपए किलो होती है. अगर आपके पास 200 मुर्गियां हैं तो उस हिसाब से हर दिन 20 किलो फीड की जरूरत पड़ेगी. क्योंकि एक मुर्गी को 100 ग्राम फीड देने की जरूरत पड़ती है. यदि यह मान लिया जाए कि फीड 35 रुपए किलो मिल रहा है तो हर दिन 700 रुपए का फीड मुर्गियों को खिलाना पड़ेगा. वहीं अगर आप सब्जी मंडी से सब्जियों का वेस्ट खरीद कर मुर्गियों को खिला देते हैं तो इससे पोल्ट्री फीड की लागत में काफी कमी आ सकती है.
इस तरह कम होगा अंडों का उत्पादन
मुर्गीयों को सब्जी मंडी से निकलने वाला वेस्ट दिया जा सकता है और इससे उन्हें अंडा उत्पादन करने में भी मदद मिलती है. वेस्ट के तौर पर टमाटर वगैरह आप दे सकते हैं. जिसकी कीमत 10 रुपए किलो होगी तो मात्र 200 में ही आप मुर्गियों को फीड खिला सकते हैं. इससे हर दिन आपको शुद्ध रूप से फीड में ही 500 रुपए की बचत हो जाएगी. यानी आप 15 हजार रुपए महीने में ऐसे ही बचत कर सकते हैं. जबकि मुर्गियां जब अंडों का उत्पादन करेंगी और उसे आप बेचेंगे वह फायदा अलग से होगा. आप मुर्गियों को छोटा कर करके बरसीम और सब्जी मंडी से निकलने वाले वेस्ट को खिला सकते हैं. इससे अंडों का उत्पादन भी अच्छा मिलेगा.
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