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Dairy News: UP में पशुपालन के लिए लेना होगा लाइसेंस, नियम न मानने वालों पर होगी बड़ी कार्रवाई

पशुओं को अगर लू लग जाए तो उनके शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ने पर वे बेहोश हो जाते हैं कई बार तो उनकी मौत हो जाती है. पशु को लू लगती है, तो उसे तुरंत हवादार ठंडी छायादार जगह पर ले जाना सबसे बेहतर काम है.
पानी में खड़ी भैंसों की तस्वीर.

नई दिल्ली. एक ओर जहां सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है तो वहीं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ये काम मुश्किल होता नजर आ रहा है. दरअसल, इस शहर में अब बिना लाइसेंस के पशुपालन करना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि शहर में गाय—भैंस पालने के लिए लाइसेंस बनवाने का नियम लागू होगा. वहीं प्रति पशु सालाना फीस भी देनी होगी. अगर अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाएगा. नगर निगम ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि पशुपालकों को पशुपालन के लिए आवेदन करना होगा तब उनका लाइसेंस बनेगा.

दरअसल, इस मामले को नगर निगम की पांचवी मीटिंग में रखा गया था, जिसको मंजूरी मिल गई है. शासन को प्रयागराज से गजट नोटिफिकेशन करने के लिए जनवरी में नगर निगम द्वारा प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन अभी तक गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं हो सका है. यही वजह है कि नियम भी लागू नहीं हो सका है. नगर निगम के अधिकारियों को कहना है जल्दी गजट जारी हो जाएगा. इसके बाद नियम को लागू कर दिया जाएगा.

कितना है लाइसेंस की फीस
बताते चलें कि नियम के मुताबिक दो या दो से ज्यादा गाय और भैंस पालने वाले पशुपालकों को सालाना लाइसेंस लेना होगा. इसकी ड्यूरेशन 1 अप्रैल से वित्तीय वर्ष तक के लिए होगी. अगले साल 31 मार्च तक यह वैध्य होगा और उसके बाद फिर से लाइसेंस लेना होगा. नियमावली के पालन के लिए नगर आयुक्त, लाइसेंस अधिकारी और निरीक्षण अधिकारी तैनात किए जाएंगे. पशुपालकों को नगर निगम से प्रति पशु वार्षिक शुल्क लाइसेंस लेना होगा. गाय के लिए 500 और भैंस के लिए 1000 रुपये लाइसेंस का शुल्क भी देना होगा.

ये हैं लाइसेंस मिलने के नियम
अधिकारियों का कहना है कि लाइसेंस 1 साल के लिए मान्य किया गया है. इसके बाद रिन्यू करना पड़ेगा. वहीं अवैध डेयरी पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. लाइसेंस हासिल करने के लिए पशुओं को साफ सुथरी जगह पर रखना होगा. अधिकारी निरीक्षण के बाद ही लाइसेंस जारी करेंगे. हर पशु के लिए आठ वर्ग मीटर की हवादार जगह, ठंड, धूप, पानी से बचाने के उपाय, उनके आहार के लिए उचित व्यवस्था करनी होगी. वही गोबर और अन्य वेस्ट को पशु स्थल से 7 मीटर दूर रखने की व्यवस्था होगी. इतना ही नहीं डेयरी फार्म का फर्श भी पक्का होना चाहिए. तभी लाइसेंस मिलेगा.

50 हजार लग सकता है जुर्माना
अगर कोई पशुपालन अप्रैल के महीने में किसी वजह से लाइसेंस नहीं ले पता तो उसे लाइसेंस के अलावा पहले महीने के लिए 100 रुपये पेनाल्टी देनी होगी और उसके बाद के महीना के लिए 50 रुपये लेट फीस देनी होगी. नियमों का पालन न करने वालों पर दूसरी बार 2000 हजार रुपे का जुर्माना लगेगा. वहीं शहर में किसी भी अवैध डेयरी पर अधिकतम 50000 रुपये जुमाने लगाने का नियम बनाया गया है.

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