नई दिल्ली. कई एनिमल एक्सपर्ट ये कहते हुए सुने जाते हैं कि आंवला पशुओं के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है. आंवला देने से न सिर्फ पशुओं की बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ जाता है. यही वजह है कि एनिमल एक्सपर्ट पशुपालकों को आंवला खिलाने की सलाह देते हैं. ताकि पशुओं को किसी तरह की बीमारी न हो. वह अच्छे से खाए पीएं और ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन करके पशुपालकों के डेयरी व्यवसाय में फायदा पहुंचाएं. अगर आप पशुओं को आंवला खिलाते हैं इससे फायदा जरूर मिलेगा.
अगर आप भी पशुपालक हैं और ये जानना चाहते हैं कि आंवला के अंदर ऐसी क्या खासियत है जिसको खिलाने के लिए अक्सर एनिमल एक्सपर्ट सलाह देते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि आंवला में क्या-क्या खूबी है और यह किस तरह से पशुओं को फायदा पहुंचता है. जिससे पशु ज्यादा दूध का उत्पादन करने लगते हैं और पशु डेयरी फार्मिंग के काम में मुनाफा होने लगता है. आंवला कैसे खिलाया जाए यह भी तरीका हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं तो इसे और से और पूरा पढ़ें.
यहां पढ़ें आंवला की खासियत
बात की जाए आंवला की खासियत की तो आंवला के अंदर कई पोषक तत्व होते हैं. जैसे कि विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट.
आंवला कई तरह से फायदेमंद है. ये स्किन को बेहतर करता है. इसमें मौजूद एंटीआक्सीडेंट खून को साफ करता है और शरीर के नुकसान दे पदार्थ को बाहर निकलने में मददगार साबित होता है.
आंवला से पशुओं की हड्डियां मजबूत होती हैं. क्योंकि इसके अंदर कैल्शियम होता है. आंवला में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है.
आंवला के अंदर मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है. आंवला खिलाने से पशुओं को तनाव नहीं होता है. इससे पशु ज्यादा दूध का उत्पादन करते हैं.
अब जानते हैं कि आंवला पशुओं के लिए किस तरह से फायदेमंद है. यह पशुओं की बीमारियों को ठीक करने में मददगार होता है और उनकी भूख को बढ़ाता है.
आंवला से पशुओं के दूध की गुणवत्ता सुधर जाती है. आंवला पशुओं की कई बीमारियों के इलाज के लिए भी कारगर साबित होता है. यह पशुओं की शिकन को दूर करता है.
पशुओं में भूख बढ़ा देता है यह पशुओं के सांस संबंधित रोगों और यूटर संबंधित लोगों को ठीक करता है. पशुओं के दूध गुणवत्ता में सुधार करता है. पशुओं की थनैला बीमारी में भी यह कारगर है.
हमेशा ही आंवला के बीज निकाल के ही पशुओं को खिलाना चाहिए. थनैला रोग से ग्रस्त पशुओं को 15 दिनों तक 150 से 200 ग्राम आंवला देना चाहिए. आंवला को गुनगुने पानी, दूध, शहद या केसर में मिलाकर पशुओं को खिलाना चाहिए.
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