Home मीट Meat: मीट को इन तरीकों से बनाए ज्यादा हेल्दी, यहां पढ़ें डिटेल
मीट

Meat: मीट को इन तरीकों से बनाए ज्यादा हेल्दी, यहां पढ़ें डिटेल

red meat benefits
रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मीट का सेवन हेल्थ के लिए अच्छा होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि एक हेल्दी व्यक्ति अगर हर दिन मीट का सेवन करता है वो 90 ग्राम मीट खा सकता है. इससे उसकी सेहत पर बुरा असर नहीं पड़ेगा. मीट खाने के शौकीन लोगों की हमेशा ही ये चिंता रहती है कि मीट से उन्हें नुकसान न करे. सिर्फ मीट से मिलने वाला फायदा ही उन्हें मिले. एक्सपर्ट के मुताबिक मांस एवं मांस के उत्पादों को हेल्दी बनाने के लिये कई तरह की टिप्स का इस्तेमाल किया जाता है.

एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसा करने के पीछे मुख्य वजह मांस के प्राकृतिक रूप से उपस्थित हानिकारक पदार्थों को कम करना या समाप्त करना या फिर उन पदार्थों से मांस को युक्त करना जो की बहुत ही पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक हो.

मीट से फैट को कम करना
वसा कम करने में महत्वपूर्ण योगदान कम फैट वाले मांस के चयन का है. एक्सपर्ट ये कहते हैं कि कम वसा वाला मीट खाना है तो मीट खरीदते समय व्हाइट वाला हिस्सा नहीं लेना चाहिए. दूसरे महत्वपूर्ण कारकों में, अमांसीय खाद्य पदार्थों एवं प्रयोग की गई प्रक्रिया शामिल हैं. कम वसा पदार्थों के पेटीज, बोलोगना नगेट्स इत्यादि उदाहरण हैं. फैट रिप्लेसर इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं.

फेट्टी अम्लों में बदलाव
यह बदलाव एनिमल ओरेजिन चरबी को गुणकारी पदार्थों से बदलकर आसानी से किया जा सकता है. गुणकारी पदार्थों में सैचुरेटेड एसिड जैसे की ओलिक अम्ल, मछली का तेल, वेजीटेबल तेल (सोयाबीन, जैतून, कपास के बीज का तेल) शामिल है.

नमक कम करना
नमक की मात्रा कम करना ज्यादा नमक रक्त चाप के लिए हानिकारक है. सोडियम के स्थान पर पोटेशियम या फिर मैग्नीशियम नमक सैटिसफैक्टरी रिजल्ट दे सकते हैं लेकिन कम नमक से प्रोडक्ट के स्वाद पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. हालांकि फॉस्फेट को अगर मांस के उत्पादों में डालें तो यह स्वाद पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को खत्म कर देता हैं. कम नमक वाले मास उत्पादों की मांग उपभोक्ताओं में काफी बढ़ गयी हैं.

आसानी से पच जाएगा
वहीं अधिक रेशामय मांस उत्पाद रेशायुक्त पदार्थ जैसे की जौ, शकरकंदी, सोया, सेब इत्यादि को मांस के उत्पादों में डालकर शोध किया गया हैं जिससे निष्कर्ष निकाला गया कि इन पदार्थों से मांस में रेशे की मात्रा बढ़ जाती हैं जो पाचन तंत्र के लिए लाभदायक हैं. अगर किसी को पाचन संबंधी दिक्कत है और वो मीट में मौजूद जरूरी पौष्टिक चीजों को भी लेना चाहता है तो फिर इन चीजों का इस्तेमाल कर सकता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

boneless meat export
मीट

Meat: मीट को बीमारी रहित बनाने के लिए पशु शेड से लेकर स्लाटर हाउस तक होंगे ये 22 काम

एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इन नुकसानों से बचना है तो...

mutton, livestock
मीट

Meat: मीट बेचने के लिए अब इन नियमों का करना होगा पालन, पढ़ें डिटेल

मांस प्रोडक्ट चाहे ताजा हो या फिर ठंडा किया हुआ हेल्दी, साफ,...

buffalo meat, Availability Of Meat Per Capita, Meat Export, Meat Product, MEAT PRODUCTION
मीट

Meat Export: मिस्र अब भारत से इस शर्त पर इंपोर्ट करेगा मीट, हलाल से जुड़ा है मामला, पढ़ें डिटेल

मिस्र में हलाल मीट का सर्टिफिकेशन करने वाली एजेंसी को आईएसईजी कहा...