नई दिल्ली. मछली का सेवन करने के कई फायदे हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे लोग जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. जिसमें 6 वर्ष से कम उम्र वर्ग के बच्चे, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग, जनजातीय जनसंख्या, अनुसूचित जनजाति, कृषक और मजदूर शामिल हैं, उन्हें पोषण की जरूरत है. ऐसे में मछली उनके लिए एक अच्छा पोषण युक्त भोजन हो सकता है. क्योंकि मछली में कई ऐसे पोषण तत्व होते हैं जो उनकी जरूरतों को पूरा भी कर सकते हैं और उन्हें कुपोषण से बचाने में मददगार है.
दरअसल, कुपोषण की इस विकराल होती समस्या के समाधान में कृषि वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं और प्रोटीन के बेहतर स्रोतों की उपज वाली फसलों की नयी प्रजातियों को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है. पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में भी संकर प्रजातियों ने श्वेत क्रान्ति का जहां आगाज कर दिया है. वहीं मत्स्य विज्ञानी भी नीली क्रान्ति को जन सुलभ करने की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर भारत में 6 वर्ष से कम उम्र वर्ग के बच्चे, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग, जनजातीय जनसंख्या, अनुसूचित जनजाति, कृषक, मजदूर, गरीबी रेखा से नीचे के लोग अगर मछली का सेवन करने लगें तो इससे काफी फायदा हो सकता है.
पढ़ें मछली में है क्या-क्या खासियत
एक्सपर्ट के मुताबिक मछलियों की संरचना में लगभग 70 से 80 प्रतिशत पानी, 13 से 22 प्रतिशत प्रोटीन, 1 से 3.5 प्रतिशत खनिज पदार्थ एवं 0.5 से 2.0 प्रतिशत चर्बी पायी जाती है. कैल्शियम, पोटैशियम, फास्फोरस, लोहा, सल्फर, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, मैग्नीज, आयोडीन आदि खनिज पदार्थ मछलियों में उपलब्ध होते हैं जिनके फलस्वरूप मछली का आहार काफी पौष्टिक माना गया है. इनके अतिरिक्त राइबोफ्लोविन, नियासिन, पेन्टोथेनिक एसिड, बायोटीन, थाइमिन, विटामिन बी12, बी 6 आदि भी मछली में पाये जाते हैं जो कि स्वास्थ्य और निरोगी काया के लिए काफी लाभकारी है.
मछली में होता है ये खास प्रोटीन
बता दें कि विश्व के सभी देशों में मछली के विभिन्न प्रकार के व्यंजन प्रचलित हैं. मछली में वसा बहुत कम पायी जाती है व इसमें जल्दी पचने वाला प्रोटीन होता है. सम्पूर्ण विश्व में लगभग 20,000 मत्स्य प्रजातियां हैं. भारत वर्ष में 2200 प्रजातियां पाये जाने की जानकारी है (स्रोत: मत्स्य विभाग, वेबसाइट, उत्तर प्रदेश) विश्व के 4.5 अरब से अधिक लोगों के भोजन में उत्कृष्ट पशु प्रोटीन का प्रति व्यक्ति औसतन 15% हिस्सा मछली प्रदान करती है. मछली का अद्वितीय पोषण संबंधी गुण इसे विकसित और विकासशील दोनों देशों में अरबों उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बनाता हैं. मछली उच्च गुणवत्ता वाले भोजन में फ़ीड के सबसे कुशल कन्वर्टर्स में से एक है और इसकी कार्बन फुटप्रिंट अन्य पशु उत्पादन प्रणालियों की तुलना में कम है.
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