Home मीट Meat: रिसर्च में सामने आया, पौधों से बेहतर है मांस का प्रोटीन, पढ़ें फायदे
मीट

Meat: रिसर्च में सामने आया, पौधों से बेहतर है मांस का प्रोटीन, पढ़ें फायदे

red meat benefits
रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मांस और पौधों के प्रोटीन में अंतर की बात की जाए तो उनके अमीनो एसिड प्रोफाइल जै उपलब्धता और पोषण संबंधित प्रोफाइल में होता है. मीट में आमतौर पर सभी नौ जरूरी अमीनो एसिड होते हैं, जो अधिक आसानी से अवशोषित हो जाते हैं. जबकि पौधों के प्रोटीन में कुछ अमीनो एसिड की कमी हो सकती है. यह अभी कम आसानी से अवशोषित होते हैं. इसलिए मीट में पाए जाने वाले प्रोटीन को पौधों के में पाए जाने वाले प्रोटीन से बेहतर माना जाता है. हालांकि यह अलग बात है कि कई प्रकार के पौधों की प्रोटीन को मिलाकर शरीर को जरूरी सभी अमीनो एसिड दिया जा सकता है.

वहीं न्यूट्रिशन एक्सपर्ट का मानना है कि पौधों के प्रोटीन में अक्सर मांस की तुलना में काम संतृप्त फैट और अधिक फाइबर विटामिन और ऑक्सीजन एंड एक्सीडेंट होते हैं. हाल ही में हुए एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि पौधों के प्रोटीन के मुकाबले मीट का प्रोटीन 60 फीसद तक बेहतर है.

दो हजार लोगों को किया गया शामिल
एक वैज्ञानिक समीक्षा में प्रकाशित रिपोर्ट दो हजार से अधिक प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण किया. इसमें पाया गया कि पशु प्रोटीन प्रतिरोध प्रशिक्षण के दौरान पौधों के प्रोटीन की तुलना में मांसपेशियों की वृद्धि में 60 फीसद अधिक वृद्धि का कारण बनता है. यह फायदा विशेष रूप से पतली मांसपेशियों और बॉडी शक्ति देता है. रिसर्च में ये बात निकलकर सामने आई है कि पशु प्रोटीन को प्रदर्शन और हाइपरट्रॉफी का समर्थन करने में एक निरंतर बढ़त मिली.

सभी पौधों के प्रोटीन समान नहीं होते
एक मुख्य निष्कर्ष की बात की जाए तो सभी पौधों के प्रोटीन समान नहीं होते. मीट के मुकाबले अधिकांश गैर-सोया स्रोत-जैसे ओट, चावल, और आलू कमजोर साबित हुए हैं. शोधकर्ताओं ने आवश्यक एमिनो एसिड के निचले स्तर और कम पचने की क्षमता को मुख्य कारकों के रूप में बताया. ये सीमाएं मांसपेशियों की मरम्मत और वृद्धि के लिए आवश्यक एनाबॉलिक सिग्नलिंग को कमजोर करती हैं, जिससे पौधों के प्रोटीन समान सेवन के बावजूद कम प्रभावी हो जाते हैं. जो कोई भी प्रशिक्षण को गंभीरता से लेता है, उनके लिए ये निष्कर्ष प्रोटीन की गुणवत्ता के महत्व को उजागर करते हैं.

प्रोटीन के लिए मीट को डाइट में करें शामिल
यदि आप पौधों के आधार पर प्रोटीन पर निर्भर हैं, तो प्रकार और निर्माण अधिक मायने रखते हैं. उन सभी के लिए जो प्रशिक्षण के प्रति गंभीर हैं, ये निष्कर्ष प्रोटीन की गुणवत्ता के महत्व को उजागर करते हैं. यदि आप पौधों पर आधारित प्रोटीन पर निर्भर हैं, तो ये जान लें कि आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन प्राप्त नहीं हो रहा है. जबकि ऐसा करना काफी मुश्किल भी है. आपको वास्तव में विकास को बढ़ावा देने के लिए सही प्रकार के डाइट की जरूरत है. इसमें मीट को शामिल किया जा सकता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock
मीट

Meat Production: स्लाटर हाउस में होनी चाहिए कौन सी सुविधाएं, पढ़ें FSSAI की गाइलाइंस

पशुओं का वध केवल प्रमाणित, लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में ही किया जाना...

red meat and chicken meat
मीट

Meat: मीट प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए क्या कर रही है इस राज्य की सरकार

राज्य में लाइसेंस प्राप्त सुअर पालक या रेंडरिंग प्लांट के साथ गठजोड़/व्यवस्था...

mutton, livestock
मीट

Meat Production: मीट उत्पादन और प्रोसेसिंग में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान, जानें यहां

जानवरों की कटिंग केवल प्रमाणित, लाइसेंस प्राप्त वधशालाओं में की जानी चाहिए,...

red meat
मीट

Meat production: मीट उत्पादन और प्रोसेसिंग के दौरान इन बातों पर रखा जाएगा ध्यान

कई तरह के मांस जानवरों और पोल्ट्री के लिए उच्च गुणवत्ता वाली...