नई दिल्ली. देश के कई राज्यों में नीलगाय का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. नीलगाय किसानों की फसल को चट कर जाती हैं. पहले तो यह नीलगाय कभी-कभी अपने प्राकृतिक वातावरण से भटक कर गांव के आसपास आती थी लेकिन अब लगभग ज्यादातर समय खेत के आसपास ही रहती हैं और फसलों को खूब नुकसान पहुंचाती हैं. नीलगाय ज्यादातर फसलों को चरने के साथ-साथ रहने रौंद भी देती हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. उनकी फसल बर्बाद हो जाती है. इसके चलते किसान कई बार अलग-अलग तरीके आजमाते हैं, जिससे नीलगाय से छुटकारा पाया जा सके, यहां हम भी आपको एक तरीका बता रहे हैं जिससे नील को भगाया जा सकता है.
प्लास्टिक का करें इस्तेमाल
नीलगाय को भगाने के लिए आप लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल कर सकते हैं. वैसे तो प्लास्टिक फिजूल की चीज लगती है लेकिन यह नीलगाय भगाने के लिए कारगर साबित हो रही है. दरअसल नीलगाय से खेतों में खड़ी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए खेतों के आसपास खेत की मेड़ों पर डंडे को गाड़कर उसमें रस्सी लगा दें. फिर रस्सियों में चमकदार पन्नियों की माला खेत के चारों ओर लगा दें. ऐसे में हवा में उड़ते रंगीन पत्तियों को देखकर नीलगाय खेतों से दूरी बना लेती हैं. किसानों के लिए देसी तरीका काफी कारगर साबित हो रहा है. वही इस जुगाड़ को अपनाने के लिए किसानों को ज्यादा पैसा भी नहीं खर्च करना पड़ रहा है.. प्लास्टिक खरीदना किस को सस्ता पड़ता है. क्योंकि यह बेहद कम रेट में मिल जाती है. यह तरीका सुलभ भी है और किफायती भी है.
फसल को पहुंचता है नुकसान
नीलगाय के आतंक से कई राज्यों के किसान परेशानी में हैं. बिहार सरकार ने तो उनको शूट करने के लिए शूटर भी नियुक्त कर दिए हैं. बिहार के अलावा पड़ोसी राज्य में यूपी में नीलगायों का ज्यादा आतंक है, लेकिन फसलों को चरने के लिए गांव के खेतों तक पहुंच जाती हैं. इतना र्ही नहीं शहरों के आसपास खेतों में भी नीलगाय को देखा जाता है. नीलगाय काफी मजबूत होती हैं और इसलिए जानवरों के लिए लगाए जाने वाले तमाम बाड़ों को यह तोड़ देती हैं. उनके खेतों में झुंड के घूमने की वजह से फसल को बहुत नुकसान होता है. फसल खाने के साथ-साथ उनका रौंद देती है.
नुकसान से बचने के लिए ये करते हैं किसान
यही वजह है कि बहुत से किसान नीलगायों को रोकने के लिए कंटीले तार लगवाते हैं. वहीं कई किसान उसमें करंट आदि भी लगवाते हैं. जिससे कई बार नीलगायों की मौत भी हो जाती है. जबकि कई राज्यों में इस तरह के तार लगाने पर पाबंदी भी है. वहीं किसानों को इस तरह की तारबंदी करने से ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है. इसकी वजह से उनको फसल से ज्यादा फायदा नहीं हो पता है क्योंकि उनकी बहुत सी लागत तार लगाने में ही लग जाती है. हाालांकि किसानों को बड़े नुकसान से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है.
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