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Drinking Milk: ऐसे करें दूध का इस्तेमाल, गंभीर बीमारियों से रहेंगे दूर, जानिए एक्सपर्ट के टिप्स

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प्रतीकात्मक फोटो: livestockanimalnews

नई दिल्ली. दूध पीना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन दूध से होने वाली कई बीमारी दुनियाभर में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है. हर साल हजारों लोग इन रोगों की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. जिनमें से अधिकतर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं. बैक्टेरिया संक्रमित गायों या अन्य पशुओं, दूषित पानी या दूषित सतहों के संपर्क के माध्यम से दूध की आपूर्ति के समय इसमें चले जाते हैं. जिसके चलते दूध पीने योग्य नहीं रहता है और जाने अनजाने में इसका सेवन सेहत पर बुरा असर डालता है. दूध की वजह से बीमारियों का प्रमुख कारण स्वच्छता की कमी भी है. इसलिए स्वच्छता का ध्यान रखकर इन रोगों के प्रकोप को कम किया जा सकता है.

वेटरनरी कॉलेज बीकानेर की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपिका धूड़िया कहती हैं कि दूध से होने वाली बीमारी, जो कि बिना पाश्चराइज्ड दूध या डेयरी उत्पादों के सेवन, संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने या पशुओ के मल युक्त दूध के सेवन से हो सकती है. इसके अलावा बिना दस्ताने पहने डेयरी उत्पाद या कच्चे दूध के साथ काम करने से भी इस तरह के रोग हो सकते हैं. इतना ही नहीं इससे होने वाली बीमारी का फैलाव संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से भी होता है. ये तब होता है कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो यह बीमारी हवा के माध्यम से भी फैल सकती है.

लिस्टेरियोसिस: लिस्टेरियोसिस बीमारी वो संक्रमण है जो कि कच्चे दूध तथा कच्चे दूध के बने उत्पादों के सेवन की वजह से होती है. यह संक्रमण बैक्टीरिया की वजह है जो कि लिस्टेरियोसिस मोनोसाइटोजेन्स जीवाणु की वजह से होता है. जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जी मचलाना एवं दस्त हो जाते हैं और अगर ये रोग गंभीर हो जाए तो संक्रमित व्यक्ति को दौरे पड़ना एवं बेसुध हो जाना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

साल्मोनेलोसिस: साल्मोनेलोसिस बीमारी वो है जो कि साल्मोनेला टाइफी जीवाणु की वजह से होती है. बिना पाश्चराइज्ड दूध के सेवन से यह संक्रमण फैलता है जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति को बुखार, पेट में दर्द, जी मचलाना, उल्टी एवं दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते है.

डिप्थीरिया: डिप्थीरिया बैक्टीरिया जनित गंभीर रोग है, जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया से होता है. जिसकी वजह से बुखार, गले में खराश और गर्दन में सूजन शामिल है. यह रोग संक्रमित व्यक्ति के बलगम के संपर्क में आने से फैलता है. चूंकि हम जानते हैं कि दूध बच्चों और व्यस्कों के लिए उत्तम आहार है व दैनिक खान-पान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए दूध से होने वाले रोगो से बचाव पर ध्यान देना काफी आवश्यक हो जाता है. इसलिए इन रोगों से बचाव निम्न प्रकार से कर सकते हैं.

  • क्या करें यहां पढ़ें
  • दूध से होने वाले रोगो से बचाव के लिए स्वच्छ दूध उत्पादन के तरीकों पर ध्यान दें.
  • कच्चे दूध को अच्छी तरह उबालकर ही उपयोग में लेना चाहिए.
  • बिना पाश्चराइज्ड दूध/ डेयरी उत्पादों के सेवन से परहेज करें.
  • दूध से होने वाले रोगों से बचाव के लिए पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण करवाएं.

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