नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (MP News) में सरकार दूध उत्पादन (Milk Production) को बढ़ावा देने के लिए कई काम कर रही है. ताकि पशुपालकों की आय बढ़ सके. सरकार की तरफ से प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें पशुपालन गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है. सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में पशुपालन और दूध उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पशुपालन से किसानों की आय बढ़ाई जाए और वे आत्मनिर्भर बन जाएं. यही हमारा संकल्प है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध उत्पादन निरंतर बढ़े और वर्ष 2028 तक प्रदेश को देश की मिल्क कैपिटल बनाया जाए. इस संकल्प के साथ सरकार काम कर रही है.
सैकड़ों दूध सहकारी समिति बनाई गई
उन्होंने कहा कि गो-संरक्षण और गो-संवर्धन सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं.
प्रदेश में पशुपालन विभाग को गो-पालन विभाग का नाम दिया गया है. प्रदेश में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का १त्न होता है, जिसे 20′ तक ले जाने का सरकार का लक्ष्य है.
प्रदेश में गोवंश के लिए आहार की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रतिमाह दी जाने वाली राशि को 20 से चढ़कर 40 कर दिया गया है.
हर घर गोकुल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश में 946 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है.
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना में प्रदेश के ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. दूध उत्पादन और ग्रामीण आजीविका कोबढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में एक वृंदावन ग्राम बनाया जा रहा है.
इसमें मध्य प्रदेश बना अग्रणी राज्य
गो-संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना, कामधेनु निवास योजना, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, नस्ल सुधार कार्यक्रम के साथ ही विभिन्न केंद्रीय योजनाओं का प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है.
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