राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं. 26 नवंबर 2023 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह-2023 के मौके पर ये पुरस्कार प्रदान किए गए.
रविवार यानी 26 नवंबर 2023 को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने पशु चिकित्सा कॉलेज ग्राउंड, गुवाहाटी, असम में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किए. पुरस्कार समारोह में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान भी उपस्थित रहे. यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किया गया.
पहला स्वदेशी गाय/भैंस नस्ल का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान.दूसरी सर्वोत्तम डेयरी सहकारी/दूध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन) और तीसरा सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) में दिया जाता है.पहली दो श्रेणियों यानी सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान और सर्वश्रेष्ठ डीसीएस/एफपीओ/एमपीसी के लिए पुरस्कार के रूप में प्रथम रैंक के लिए 5 लाख रुपये, दूसरे रैंक के लिए 3 लाख रुपये और तीसरे रैंक के लिए 2 लाख रुपये दिए गए. साथ में योग्यता प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया.
सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) श्रेणी में, राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2023 में केवल योग्यता प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह शामिल किया गया. उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, पशुपालन विभाग प्रत्येक श्रेणी में विजेताओं की घोषणा की गई.
रैंक सहित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2023 के विजेताओं के नाम
1.स्वदेशी गाय/भैंस नस्ल का पालन करने वाला सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
प्रथम – राम सिंह, करनाल, हरियाणा.
दूसरा – नीलेश मगनभाई अहीर, सूरत, गुजरात.
तीसरा – बृंदा सिद्धार्थ शाह, वलसाड, गुजरात.
तीसरा – राहुल मनोहर खैरनार, नासिक, महाराष्ट्र.
2. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दुग्ध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन पुरस्कार.
पहला – पुलपल्ली क्षीरोलपदक सहकारण संगम डी लिमिटेड, वायनाड, केरल.
दूसरा – टीएम होसूर मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहकारी समिति, मांड्या, कर्नाटक.
तीसरा – एमएस 158 नाथमकोविलपट्टी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, डिंडीगुल, तमिलनाडु.
3. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) पुरस्कार.
प्रथम – सुमन कुमार साह, अररिया, बिहार.
दूसरा – अनिल कुमार प्रधान, अनुगुल, ओडिशा.
तीसरा – मुद्दपु प्रसादराव, श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश.
पशुधन क्षेत्र आज भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्णपशुधन क्षेत्र आज भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीवीए का एक तिहाई और 8 प्रतिशत से अधिक सीएजीआर शामिल है. साथ ही, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियां लाखों लोगों को सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के अलावा किसानों, विशेषकर भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों और महिलाओं के लिए आय सृजन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें मजबूत
भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें मजबूत हैं और उनमें राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता है. स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण पर एक विशिष्ट कार्यक्रम के अभाव में, उनकी आबादी घट रही है और उनका प्रदर्शन वर्तमान क्षमता से कम है। इसलिए, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग ने स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोजातीय प्रजनन और डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” शुरू किया था.
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