Home पोल्ट्री Poultry Farming: अंडमान निकोबार द्वीप समूह की पहचान है निकोबारी चिकन और अंडमानी बत्तख
पोल्ट्री

Poultry Farming: अंडमान निकोबार द्वीप समूह की पहचान है निकोबारी चिकन और अंडमानी बत्तख

यह पोल्ट्री नस्ल मूल रूप से अंडमान और निकोबार ‌द्वीपसमूह में पाई जाती है और स्थानीय तौर पर इसको 'टेकनीट हाइम' के नाम से जाना जाता है।
निकोबारी मुर्गी और अंडमानी बत्तख।

नई दिल्ली. मुर्गी पालन में ही रोजगार की बहुत अधिक संभावनाएं हैं. मुर्गी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में अब रोजगार का एक शानदार जरिया बन गया है. अब महिलाएं भी इस सेक्टर से जुड़ रही हैं. देश में हर जगह बड़े-बड़े पोल्ट्री फार्म खोले जा रहे हैं. इसमें लोगों को अच्छी खासी इनकम भी हो रही है. मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो आसानी के साथ घर पर ही किया जा सकता है और मुर्गी पालन में बेहद कम लागत आती है. इस वजह से बहुत से परिवार मुर्गी पालन में हाथ आजमा रहे हैं. आज मुर्गी पालन में हम बात कर रहे हैं अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पाए जाने वाले मुर्गे और मुर्गियों की. यहां बत्तख की भी एक नस्ल बेहद फेमस है. ये मुर्गे की ब्रीड है निकोबारी चिकन.

जब भी पैसे जरूरत होती है तो इसे बेचकर मुर्गीपालक पैसा कमा लेते हैं. मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो आसानी के साथ घर पर ही किया जा सकता है और मुर्गी पालन में बेहद कम लागत आती है. इस वजह से बहुत से परिवार मुर्गी पालन में हाथ आजमा रहे हैं. खासकर के आदिवासी परिवार में मुर्गी पालन किया जा रहा है.

निकोबारी चिकन की खासियतः यह पोल्ट्री नस्ल मूल रूप से अंडमान और निकोबार ‌द्वीपसमूह में पाई जाती है. स्थानीय तौर पर इसको ‘टेकनीट हाइम’ के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है छोटे पैर वाला मुर्गा. निकोबारी कुक्कुट मध्यम आकार का सुगठित शरीर अनुरूपता वाला एक भूरा मटमैला रंग का मजबूत पक्षी होता है. ये पक्षी ज्यादातर एक कलगी युक्त होते हैं और कभी-कभी ही मटर जैसी कलगी के होते हैं. वेटल्स और कर्णपाली गुलाबी रंग के होते हैं. इनकी छोटी और मोटी गर्दन होती है. इसका चेस्ट उभरा हुआ होता है. इसकी पूंछ मध्यम आकार की होती है और पूंछ के पंख लंबे होते हैं. यह पक्षी अपेक्षाकृत छोटे आकार (40-45 ग्राम) के लगभग 120-140 अंडे देता हैं. इस नस्ल के 3 प्रकार हैं. भूरा, काला और सफेद. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है.

अंडमानी बत्तख: ये बत्तख मध्य और उत्तरी अंडमान में पाई जाती हैं. नर में काले या भूरे रंग के पंख होते हैं. गर्दन के नीचे सफेद निशान जो पेट तक फैले होते हैं. अधिकांश पक्षियों में पीली टांग और चोंच होती है. ये साल भर में करीब 80 अंडे तक देती हैं. इनका पालन मीट और अंडों के लिए किया जाता है.

मीट और अंडों से मिलता है मुनाफा: मुर्गी पालन का नाम आते ही लोगों के जहन में आने लगता है कि इसके लिए पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत होगी. इतना पैसा लगाने के बाद भी बिजनेस चला या नहीं. पैसा कहीं डूब न जाए. मगर, शुरूआत में कम लागत में मुर्गी फार्म को शुरू करेंगे तो कम रिस्क रहेगा. अगर आपके पास थोड़ा बड़ा सा घर है तो मुर्गी पालन घर के अंदर भी किया जा सकता है. ज्‍यादातर गांवों में मुर्गीपालन घरों में ही किया जा रहा है. मुर्गी पालक उनसे मांस और अंडे बेचकर फायदा कमाते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मुर्गियों के रहने की जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए.
पोल्ट्री

Poultry Farming: बढ़ते तापमान में मुर्गियों की ऐसे करें देखभाल

बीमार मुर्गी को क्वॉरेंटाइन कर देना चाहिए. यानी उसे अलग दड़बे में...

poultry farm
पोल्ट्री

Poultry Farming: इन मुर्गियों से कम फीड लागत में लिया जा सकता है बेहतर उत्पादन, पढ़ें डिटेल

पोल्ट्री किसानों द्वारा फेस की जाने वाली समस्याओं को समझना और उनका...

livestookanimalnews-poultry-cii-egg-
पोल्ट्री

Poultry Farming: पोल्ट्री फार्म से मच्छर-मक्खियों और चूहों को खत्म करने का क्या है सही तरीका

पोल्ट्री फार्म में रसायनिक तरीकों से भी मक्खी व मच्छरों की रोकथाम...

Vaccination reduces the use of antibiotics, hence reduce the AMR.
पोल्ट्री

Poultry Farming: अब एसी वाली गाड़ी में ले जाना होगा मुर्गा, पोल्ट्री कारोबारियों को जारी किया नोटिस

मुर्गे-मुर्गियों को साधारण गाड़ी पर ही लोड करते हैं, ऐसे में उनके...