Home डेयरी Nattive Breed Of Gujrat: गुजरात की पहचान है डांगी गाय, मीठा और पौष्टिक दूध बनाता है इसे खास
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Nattive Breed Of Gujrat: गुजरात की पहचान है डांगी गाय, मीठा और पौष्टिक दूध बनाता है इसे खास

डांगी गाय को ये चीज अन्य भारतीय मवेशी नस्लों से अलग करती है, ये मध्यम आकार का पशु है, जिसका शरीर कॉम्पैक्ट और मजबूत होता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. देश में गाय की कई नस्लें पाली जाती हैं. गायों के प्रति भारत में शुरू से ही आस्था का मामला जुड़ा रहा है. इसलिए गाय पालन देश के हर हिस्से में किया जाता है. गाय की एक ऐसी ही नस्ल हैं डांगी जो देश के गुजरात राज्य में पाली जाती है. आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए डांगी नस्ल की पहचान की जानकारी दे रहे हैं. आजकल देश में कई नस्लें ऐसी हैं, जो रोजाना 20 लीटर तक दूध देती हैं, लेकिन डांगी एक ऐसी गाय है, जिसका दूध बेहद ही पौष्टिक होता है और अलग ही पहचान रखता है. आइये जानते हैं डांगी की गुजरात में क्या पहचान है.
डांगी गाय की नस्ल अपने असाधारण दूध की गुणवत्ता और अनूठी विशेषताओं के लिए जानी जाती है. डांगी गाय मीठा और पौष्टिक दूध देती है. जैसा कि नाम में ही शामिल हैं डांगी, तो ये गायें महाराष्ट्र के पहाड़ी क्षेत्रों, विशेष रूप से डांग और आस-पास के क्षेत्रों की मूल निवासी हैं. इसी वजह से उन्हें यह नाम मिला है.

सौम्य व्यवहार की होती हैं डांगी गाय: डांगी गाय को ये चीज अन्य भारतीय मवेशी नस्लों से अलग करती है, ये मध्यम आकार का पशु है, जिसका शरीर कॉम्पैक्ट और मजबूत होता है. उनके कोट का रंग अलग-अलग होता है, लेकिन अक्सर सफेद, भूरे या काले रंग का संयोजन होता है. जो उन्हें एक अनूठा और आकर्षक रूप देता है. इन गायों के कूबड़ लंबे और घुमावदार सींग होते हैं. डांगी गायों की सबसे बड़ी पहचान ये है कि उनका सौम्य और विनम्र स्वभाव होता है. ये अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जानी जाती हैं और अक्सर किसान उनके सहज स्वभाव के लिए उन्हें पसंद करते हैं.

डांगी का दूध: डांगी गायों के दूध में बेहद जबरदस्त क्वालिटी होती है. डांगी का दूध अपने असाधारण स्वाद और मिठास के लिए फेमस है. दूध को अक्सर एक विशिष्ट शर्करायुक्त स्वाद के रूप में वर्णित किया जाता है, जो इसे अन्य मवेशियों की नस्लों द्वारा उत्पादित दूध से अलग करता है. इस अनूठी मिठास ने डांगी दूध को डेयरी बिजनेस और पारखी लोगों के बीच पसंदीदा बना दिया है. डांगी दूध की मिठास के लिए कई कारक हैं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, गायों का आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. डांगी गायें पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की जंगली घास, जड़ी-बूटियां और झाड़ियां खाती हैं. ये प्राकृतिक चारा स्रोत दूध के अनूठे स्वाद में योगदान करते हैं. इसके अलावा नस्ल की आनुवंशिक संरचना और स्थानीय पर्यावरणीय परिस्थितियां भी दूध की संरचना को प्रभावित करती हैं, जिससे इसे इसकी विशिष्ट मिठास मिलती है.

कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है दूध: अपने स्वाद के अलावा डांगी का दूध अत्यधिक पौष्टिक भी है. यह कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है. क्षेत्र के कई लोग पोषण के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में इस दूध पर भरोसा करते हैं. ये गायें जेबू मवेशियों की एक नस्ल हैं, जो कठोर वातावरण के लिए अपनी लचीलापन और अनुकूलनशीलता के लिए जानी जाती हैं. पीढ़ियों से डांगी गायें पश्चिमी घाट के पहाड़ी और जंगली इलाकों में पनपने के लिए विकसित हुई हैं.

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