Home डेयरी NDRI: डेयरी विज्ञान पर शोध को तैयार हो रही वैज्ञानिकों की नई पौध, भविष्य में नई तकनीक पर होगा रिसर्च
डेयरी

NDRI: डेयरी विज्ञान पर शोध को तैयार हो रही वैज्ञानिकों की नई पौध, भविष्य में नई तकनीक पर होगा रिसर्च

National Dairy Research Institute, NDRI, Dairy Products, Convocation of NDRI
कार्यक्रम में ​शामिल छात्र—छात्राएं.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में सर्वश्रेष्ठ स्नातकोत्तर शोध प्रबंध (थीसिस) प्रस्तुति (मास्टर श्रेणी) की गई. यह कार्यक्रम 15 मार्च 2024 को आयोजित होने वाले आईसीएआर-एनडीआरआई के 20वें दीक्षांत समारोह के लिए शैक्षणिक पखवाड़े के तहत एक गतिविधि के रूप में आयोजित किया गया. कार्यक्रम ने अपने स्नातकोत्तर छात्रों के अनुसंधान और शैक्षणिक कौशल का प्रदर्शन किया.

छह मार्च को आयोजित यह कार्यक्रम, स्नातकोत्तर के छात्रों द्वारा महीनों की कड़ी मेहनत और समर्पण की परिणति को देखने के लिए संकाय, छात्रों और संस्थान में आए अतिथियों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के निदेशक और कुलपति डॉ. धीर सिंह ने छात्रों को अपनी शोध उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया और डेयरी विज्ञान के क्षेत्र में एनडीआरआई के छात्रों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण शोध योगदान पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम में संबोधन के दौरान डॉक्टर सिंह ने कहा कि यदि कोई छात्र व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रौद्योगिकी के लिए शोध करने के लिए तैयार है, तो संस्थान ऐसे शोध को वित्तीय रूप से समर्थन देने के लिए तैयार है.छात्रों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों ने विषय वस्तु की गहरी समझ, नवीन अनुसंधान पद्धतियों और अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि का प्रदर्शन किया.

डॉ. पार्थ रॉय, प्रोफेसर, आईआईटी रूड़की मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष रहें। डॉ. वाई.एस. राजपूत, आईसीएआर-एनडीआरआई, करनाल के डेयरी रसायन विज्ञान और जैव रसायन प्रभाग के पूर्व प्रमुख; डॉ. रणधीर सिंह, पूर्व सहायक महानिदेशक, कृषि विस्तार प्रभाग, आईसीएआर, नई दिल्ली और डॉ. प्रद्युम्न कुमार, प्रोफेसर, संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लोंगोवाल, पंजाब मूल्यांकन कमेटी में सदस्य थे.

सर्वश्रेष्ठ स्नातकोत्तर शोध प्रबंध (थीसिस) प्रस्तुति कार्यक्रम न केवल अकादमिक उपलब्धि का जश्न मनाता है बल्कि बौद्धिक नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डालता है. यह छात्रों की प्रतिभा और समर्पण और उनके संबंधित क्षेत्रों में ज्ञान को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के प्रमाण के रूप में कार्य करता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
डेयरी

Export: अब बढ़ेगा डेयरी-मीट एक्सपोर्ट, सरकार के इस फैसले से पशुपालकों को मिलेगा फायदा

जिसे सरकार पहले ही पोल्ट्री सेक्टर में आजमा चुकी है. जिसका फायदा...

GADVASU
डेयरी

GADVASU के डेयरी प्लांट की इनकम पहुंची 2 करोड़ के पार, जानें 3 साल में कैसे हुई बंपर ग्रोथ

ये सफलता वैल्यू एडिशन, इनोवेटिव प्रैक्टिस और मार्केट स्ट्रेटजी की वजह से...

livestock
डेयरी

Fodder: पशु के लिए सालभर इस फसल से मिलेगा हरा-सूखा चारा, पढ़ें कैसे करें बुआई

रिजका को एकवर्षीय एवं बहुवर्षीय फसल के रूप में उगाया जाता है....

cattle shed, Luwas, Animal Husbandry, Parasitic Diseases, Diseases in Animals, Animals Sick in Rain, Lala Lajpat Rai University of Veterinary Medicine and Animal Sciences, Luwas, Pesticides,
डेयरी

Dairy Animal: डेयरी पशुओं को भूल कर भी न दें ये चारा, दूध की क्वालिटी हो जाएगी खराब

हीं कुछ फीड खिलाने से दूध का टेस्ट भी खराब हो जाता...