Home मछली पालन Fisheries: इस तकनीक से करें मछली पालन तो होगा फायदा ही फायदा
मछली पालन

Fisheries: इस तकनीक से करें मछली पालन तो होगा फायदा ही फायदा

fish farming in pond
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. देश के किसान खुशहाल हों और उनकी आए बढ़े यह न सिर्फ सरकार की चाहत है बल्कि हर किसान भी यही चाहता है. शायद यही वजह है कि सरकार से लेकर देश के आम नागरिक की बात भी बात की जाए तो सभी अन्नदाता की उन्नति चाहते हैं. एक तरफ सरकार किसानों की खेती और उनकी आय को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं ला रही हैं वहीं तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल ने किसानों के लिए खेती को और आसान कर बना दिया है. हालांकि सवाल ये बना रहता है कि किसान खेती के अलावा क्या कर सकते हैं. जिससे उनकी आय बढ़े. इसको लेकर मछली पालन को भी बढ़ावा दिया है. किसानों के लिए मत्स्य पालन इनकम का नया सोर्स बनकर उभरा है. मछली पालन में किसान बेहद रुचि दिखा रहे हैं लेकिन उनके साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि वो लागत को कैसे कम करें.

इससे ज्यादा मुनाफा होता है
आमतौर पर किसान पारंपरिक मछली पालन करते हैं. यह ऐसा व्यवसाय है जो विश्व भर में किया जाता है. उदाहरण के तौर पर समझें तो भारत से 6 बिलियन का एक्पोर्ट किया जाता है जबकि चीन 60 बिलियन का एक्सपोर्ट करता है. इसलिए जरूरी है कि किसानों को नई-नई तकनीकी जानकारी हो. हरियाणा के रेवाड़ी केे रहने वाले किसान ओमपाल सिंह ने मत्स्य पालन का नया तरीका इजाद किया है. कम लागत में ज्यादा मुनाफा करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने मछली पालन की शुरुआत की. मछली पालन के लिए शुरुआती तौर पर उन्होंने एक विदेशी किसान से तकनीकि के बारे में सीखा और फिर खुद इंप्लीमेंट किया.

टैंक खराब नहीं होता है
ओमपाल सिंह ने बताया कि वो नेवी से रिटायर होने के बाद अपने गांव में किसानों को मछली पालन के लिए बढ़ावा देने के बारे में भी बताते रहते हैं. तकनीकि के बारे में बताते हुए कहा कि इसकी सबसे बढ़िया बात यह है कि हम बहुत कम एरिया में ज्यादा मछलियां पैदा करते हैं. टैंक बनाने की कीमत काफी कम आई है. खारे यह मीठे पानी में टैंक खराब नहीं होगा. टैंक के बीच बीच एक फ़िल्टर लगाया गया है, इसमें से मछलियां बाहर नहीं जाती हैं सिर्फ मछलियों की गंदगी बाहर जाती है.

आक्सीजन देने की व्यवस्था
जब मछली को छोटा बच्चा डालते हैं तो वो ज्यादा पानी की हाइट बर्दाश्त नहीं करता है. इसलिए इसमें ऐसा सिस्टम लगाया गया कि वाटर लेवल कंट्रोल भी किया जा सकता है. जीरो साइज का अगर सीड डाला जाता है तो टैंक में सिर्फ 3 फुट पानी डालते हैं. सीड बड़े आराम से उसमें स्टेबल रह सकते हैं. इन टैंकों के अंदर मछली के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध भी किया गया है. कई पाइप के जरिए ऑक्सीजन दिया जा रहा है. अगर ऑक्सीजन ज्यादा रहेगी तो मछली की ग्रोथ ज्यादा रहती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मछली पालन

Fish Farming: मछलियों के लिए कैसे तैयार करें नेचुरल फीड जानें यहां, इसके फायदे भी पढ़ें

अगर तालाब में सही मात्रा में प्लैंकटन मौजूद हो तो आपको महंगे...