नई दिल्ली. नीलगाय का आतंक पूरे देश में है. बहुत से राज्यों में कुछ ज्यादा है. उसी में से एक मध्य प्रदेश भी है. जहां पर बड़ी संख्या में नीलगाय है और इससे न सिर्फ किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बल्कि कई बार एक्सीडेंट भी हो रहा है. नीलगाय के आतंक को पूरी तरह से खत्म करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला किया है. यह यूं कहें कि बड़ा कदम उठाया है. ताकि कई जिलों में फैले आतंक को खत्म किया जा सके और किसानों को भी राहत दी जा सके.
मध्य प्रदेश सरकार ने इसके लिए विदेशी टीम बुलाकर नीलगायों को पड़कर दूसरे क्षेत्रों में छोड़ने का प्लान बनाया है. बताते चलें कि मध्य प्रदेश में 30 से 35 जिले ऐसे हैं, जिसमें नीलगाय किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या हैं. यहां हालात ऐसे हैं कि झुंड में नीलगाय फसलों पर हमला कर देती हैं और किसानों की फसल खराब कर देती हैं. खास करके उज्जैन, इंदौर और निमाड़ क्षेत्र में कई ऐसे जिले हैं जहां नीलगायों का भारी आतंक बताया जा रहा है.
अफ्रीका से आएगी टीम
इसके अलावा छिंदवाड़ा, रायसेन, टीकमगढ़, छतरपुर, नरसिंहपुर के आसपास के इलाके भी नीलगायों की समस्या से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश सरकार और विभाग ने नील गायों को पकड़ने के लिए अफ्रीकी विशेषज्ञों को बुलाने की तैयारी कर ली है. इन सभी क्षेत्रों से नीलगायों को अफ्रीकी विशेषज्ञों की मदद से पकड़ा जाएगा और तेंदुए के नए घर गांधी सागर अभयारण्य के वन क्षेत्र में छोड़ा जाएगा. सरकार की ओर से कहा गया है कि जिससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी और संतुलन बनाने में मदद मिलेगी.
हेलिकॉप्टर से पकड़ेंगे नीलगाय
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत अफ्रीकी विशेषज्ञ हेलिकॉप्टर की मदद से नीलगाय को पिंजरे में कैद करेंगे. यह अभियान पूरे मध्य प्रदेश में चलाया जाएगा. इससे पहले जूलॉजी बोर्ड की बैठक में भी मामला उठ चुका है. अब सरकार ने अफ्रीकी विशेषज्ञों को मध्य प्रदेश बुलाया है और नीलगायों को रोकने और पकड़ने के लिए योजना बनाई है. इसके तहत नीलगायों की आंखों को ढककर इन क्षेत्रों से आरक्षित क्षेत्र में भेजा जाएगा.
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