नई दिल्ली. ग्रामीण क्षेत्र में किसान न सिर्फ कृषि के अलावा एक अन्य व्यवसाय को करने में रुचि ले रहे हैं बल्कि उनकी रुचि इसमें भी है कि वह ऐसे व्यवसाय को करें जो तेजी के साथ उन्हें फायदा पहुंचाए. खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में बटेर पालन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसे करके किसानों को अच्छी खासी आमदनी हो रही है. इस व्यवसाय से किसान 30 से 40 दिन में बढ़िया मुनाफा कमा लेते हैं. मुर्गी पालन की तुलना में बटेर पालन की काफी सस्ता व्यवसाय माना जाता है. मुर्गियों के रखरखाव में थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है. वहीं बटेर पालन ऐसा नहीं है. छोटे आकार और कम वजन की वजह से भोजन की जगह की आवश्यकता भी कम होती है.
कम लागत और ज्यादा मुनाफा
जबकि बटेर का मीट मुर्गी के मुकाबले काफी स्वादिष्ट माना जाता है और यह पौष्टिकता से भी भरपूर होता है. इसमें वसा की मात्रा न के बराबर होती है. हाल ही के वर्षों में बाजार में बटेर के अंडे और मांस की मांग बढ़ी. है यही वजह है कि किसान बटेर पालन में ज्यादा किस्मत आजमा रहे हैं. बटेर पालन में सबसे अच्छी बात यह है कि मुर्गी और बत्तख पालन के मुकाबले लागत काफी कम आती है और मुनाफा ज्यादा मिलता है.
अंडे भी होते हैं गुणकारी
एक बटेर के विकास में 30 से 40 दिन लगते हैं. इसके बाद मादा अंडे देना शुरू कर देती हैं. बटेर के अंडे में फास्फोरस और आयरन की मात्रा ज्यादा होती है. शक्ति वर्धक गुण कई गुना होते हैं. इसके कारण इसे काफी पसंद किया जाता है और लोग चाव से इसे खाते हैं. किसान खेती के साथ ही कुछ संख्या में बटेर का पालन कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बहुत जल्दी होने लगता है फायदा
गया में एक ऐसे ही युवा में पिछले 3 साल से बटेर का पालन कर रहा है. उन्हें इससे अच्छी खासी आमदनी हो रही है. बटेर पालक के मुताबिक 1 दिन के चूजे की कीमत 10 रुपये मात्रा होती है. हालांकि कुछ जगहों पर 12 पीस भी मिलता है. बड़े साइज कपड़े की कीमत 65 से 70 में बिक जाते हैं. जबकि अगर उनके खाने के खर्चे की बात की जाए तो कुल खर्च 20 से 25 रुपये आता है.
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