Home पशुपालन Sheep Farming: अब नॉर्थ ईस्ट में भी शुरू होगा भेड़ पालन, जानें क्या चल रही हैं तैयारियां
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Sheep Farming: अब नॉर्थ ईस्ट में भी शुरू होगा भेड़ पालन, जानें क्या चल रही हैं तैयारियां

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मुजफ्फरनगरी भेड़ की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भेड़ पालन शुरू करने से किसान अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं. इसलिए पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जाते हैं. अब भेड़ पालन को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के प्रयास से ना​र्थ और ईस्ट में भी इसे शुरू करने पर काम शुरू हो गया है. बकायदातौर पर किसानों को इसके लिए जागरुक किया गया है और किसानों को भेड़ पालन के फायदों के बारे में जानकारी दी गई ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान भेड़ पालन करें और इससे फायदा उठा सकें.

गौरतलब है कि केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर द्वारा दिनांक 21 जून को त्रिपुरा राज्य के क़ृषि विज्ञान केंद्र, ऊनाकोटी के साथ मिलकर किसानो के साथ जैविक खरगोश एवं भेड़पालन पर बातचीत की. जिसमें संस्थान निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी इंद्र भूषण कुमार, संस्थान के नार्थ ईस्ट रीजन (एनईएच) नोडल अधिकारी डॉ. रणजीत गोदारा का केवीके प्रभारी डॉ बिस्वजीत पाल एवं केवीके स्टॉफ ने स्वागत करते हुई इस पहल को पहली बार उनके राज्य से शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया.

किसान-वैज्ञानिक संवाद में हुई चर्चा
बता दें कि अवसर पर केवीके परिसर मे किसान भी मौजूद रहे. किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में त्रिपुरा राज्य मे भारत सरकार की NEH स्कीम के माध्यम से कमर्शियल खरगोश पालन को बढ़ावा देने के लिए निदेशक द्वारा केवीके स्टॉफ के साथ विस्तार से चर्चा की गई. अविकानगर संस्थान भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का सफल संचालन करने के बाद पहली बार देश के नार्थ ईस्टर्न राज्यों तक अपने पशुधन (ब्राइलर खरगोश, भेड़ एवं बकरी) एवं तकनिकीयों का प्रसार-प्रचार करेगा. जिससे वर्तमान समय मे देश के उतरी राज्यों मे पशुपालन से गांवो मे रोजगार के अवसर बढ़े. इस अवसर पर केवीके स्टॉफ डॉ चंद्रा देबबर्मा एवं डॉ रतन दास भी उपस्थित रहे.

भेड़ पालन है मुनाफे का सौदा
गौरतलब है चाहे बकरी पालन हो या फिर भेड़ दोनों से ही अच्छी कमाई की जा सकती है. भेड़ पालन करने पर तीन तरह से कमाई की जा सकती है. मुख्यता भेड़ से ऊन हासिल करके किसान से बेचकर कमाई करते हैं. वहीं भेड़ के मीट की भी खासी डिमांड है. विदेशों में भी भेड़ें एक्सपोर्ट की जाती हैं. इसके अलावा मादा भेड़ से दूध भी हासिल किया जा सकता है और इससे भी कमाई हो सकती है. यही वजह है कि संस्थान ने किसानों को जागरूक किया है कि वो भेड़ पालन करके कमाई का एक और रास्ता अपने लिए खोल लें.

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