नई दिल्ली. सर्दियों के मौसम में होलसेल में 5 से 6 रुपये और रिटेल में 10 से 12 रुपए तक बिकने वाले मुर्गी के अंडे हासिल करने के लिए मुर्गियों का ख्याल रखना पड़ता है. मुर्गियों से अंडा हासिल करने के लिए सुबह से लेकर शाम तक उसे चुगाने के लिए दाना की जरूरत होती है. मुर्गियों को दाना देने में अगर थोड़ी भी देर हो जाती है तो अंडे का उत्पादन कम हो जाता है. पोल्ट्री कारोबार शुरू करने वाले कारोबारी के दिमाग में यह सवाल उठता होगा कि एक अंडा देने के लिए मुर्गी को कितना दाना की जरूरत होती है. या यूं कहें कि अंडा देने के लिए मुर्गी कितना दाना खाती है और उन्हें ठंड में कितना दाना देना होता है. गौर करें कि चिकन के लिए पाली जाने वाली ब्रॉयलर मुर्गी और अंडे के लिए पाली जाने मुर्गियों की खुराक अलग-अलग होती है. उन्हें दाना देने का तरीका भी अलग-अलग होता है.
तौलकर दिया जाता है दाना
लेयर मुर्गी 1 साल में 280 से 290 तक अंडे देने में सक्षम होती है. देश में रोजाना करीब 22 करोड़ अंडे का कारोबार किया जाता है. देश के आंध्र प्रदेश तेलंगाना और तमिलनाडु में कुल उत्पादन का 50% अंडा उत्पादन होता है. देश की सबसे बड़ी अंडा मंडी हरियाणा की बरवाल है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिकन के लिए पाली जाने वाली मुर्गियां के रेट उनके वजन के हिसाब से होते हैं. इसलिए उन्हें दिन-रात दाना चुगाया जाता है. चार-पांच ग्राम दाना ज्यादा भी हो जाए तो कोई परेशानी की बात नहीं होती. कोशिश की जाती है कि जल्द से जल्द उनका वजन बढ़ जाए. ताकि उन्हें बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया जा सके. वहीं अंडा देने वाली मुर्गियां को हिसाब से तौलकर दाना दिया जाता है. क्योंकि ज्यादा दाना खिलाने से एंड के रेट का एवरेज बिगड़ जाएगा.
सेहत और बजट का रखना होता है ख्याल
पोल्ट्री फार्म संचालक मनीष कहते हैं कि क्योंकि अंडा देने वाली मुर्गी लेयर नस्ल की होती है. इस मुर्गी से रोजाना अंडा लेना होता है. खासतौर पर इसकी सेहत का ख्याल रखना पड़ता है. जबकि पोल्ट्री का भी बजट के हिसाब से चलाना होता है. इसलिए सर्दियों के मौसम में लेयर मुर्गी 105 ग्राम दाना खाती है. जबकि गर्मियों में 100 ग्राम दाना खाने के लिए दिया जाता है. पोल्ट्री फार्म के संचालन के हिसाब से यह दाना उन्हें दिन में तीन से चार बार दिया जाता है. दाने के साथ गर्मी हो या सर्दी हर रोज उन्हें 10 ग्राम कंकर पत्थर भी पीसकर खिलाया जाता है. यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली कहना है कि बॉयलर चिकन को 30 से 50 दिन में मोटा ताजा करने का टारगेट होता है. इसलिए बॉयलर मुर्गी और मुर्गियों को हर रोज दिन रात मिलाकर 125 ग्राम खिलाया जाता है. जबकि अंडा देने वाली मुर्गी लेयर को वक्त—वक्त पर दाना खिलाया जाता है.
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