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Poultry: मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए करें ये काम, जानें कब-कब करवाना चाहिए वैक्सीनेशन

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पोल्ट्री फॉर्म में मौजूद मुर्गे—मर्गियां. live stock animal news

नई दिल्ली. मुर्गी पालन में मुर्गियों को बीमारियों से बचाना होता है. क्योंकि मुर्गी पालन में मुर्गियों को सबसे ज्यादा नुकसान बीमारी की वजह से ही होता है. एक बार अगर मुर्गियों को बीमारी हो जाती है तो दूसरे पक्षियों में भी बीमारी तेजी के साथ फैलती है. इससे उत्पादन पर असर तो पड़ता ही है. साथ ही मुर्गियों में मृत्युदर भी देखी जाती है. इसलिए एक्सपर्ट हमेशा ही मुर्गियों को बीमारियों से बचने की सलाह देते हैं. राजस्थान के पशुपालन विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियों को बीमारी से बचने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियों में मेरेक्स, रानीखेत, गोंबोरो, फाउल पॉक्स, टेढ़ी टांगे या पेपेरोसिस और कोक्सीडियोसिस जैसी कई खतरनाक बीमारी होती है. जिसमें मुर्गियों की ग्रोथ रुक जाती है और उनका उत्पादन भी कम हो जाता है. सवाल उठता है कि आखिरी मुर्गियों को किस तरह से बीमारियों से बचाया जाए. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर समय रहते वैक्सीनेशन कर लिया जाए तो मुर्गियों को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है.

बीमारियों का उपचार व रोकथाम का तरीका पढ़ें यहां
मुर्गीपालन में बीमारियों से पोल्ट्री पालन को काफी नुकसान होता है. बीमारियों का सीधा असर मुर्गी के उत्पादन पर तो पड़‌ता ही वहीं मुत्युदर भी अधिक देखी जाती है.

बीमार मुर्गी को तुरंत स्वस्थ मुर्गी से अलग कर देना चाहिए. क्योंकि बीमार मुर्गी से जर्म्स लार द्वारा बिछावन दाने व पानी में जाते हैं, जिससे बीमारियां फैलती है.

एक बीमार शेड से दूसरे शेड में काम करने वाले आदमी के पैर कपड़ों द्वारा भी जर्म्स एक जगह से दूसरी जगह पहुंचते हैं.

प्राइवेट हैचरी से पहले दिन के चूजों को खरीदते समय ध्यान रखें कि पहले मेरेक्स बीमारी का टीका लगाया जाना चा​हिए, दूसरे दिन रानीखेत बीमारी एफ-1 स्ट्रेन की वैक्सीन लगवाएं

चूजे लाने से पहले दड़बे में कीटाणुनाशक घोल का छिड़काव करना बेहद ही जरूरी होता है.

मुर्गियों को जानलेवा बीमारियों से दूर रखने के लिए समय-समय पर वैक्सीन लगवाते रहें.

जानें कब किस बीमारी के लिए वैक्सीन लगवाएं
एक्सपर्ट के मुताबिक पोल्ट्री फार्मिंग में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीनेट किया जाता है. एक दिन के चूजे को मेरेक्स की वैक्सीन लगाई जाती है. जबकि 2 से 7 दिन पर रानीखेत F1 स्ट्रेन की वैक्सीन चूजों को लगाई जाती है. वहीं जब चूजे 13 से 17 दिन के हो जाते हैं तो गोंबोरो की वैक्सीन उन्हें लगाना चाहिए. उन्हें 6 सप्ताह की उम्र पर रानीखेत का टीका लगाया जाता है. इसके अलावा मुर्गियां जब 8 सप्ताह की हो जाएं तो फाउल फॉक्स का टीका को लगाना चाहिए. जब मुर्गी 16 सप्ताह की हो जाती है तो उन्हें रानीखेत आर2 बी स्ट्रेन का टीका लगाया जाता है.

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