नई दिल्ली. ठंड में चूजो को सही तरीके से ब्रूडिंग ही मुर्गीपालन मे सफलता का मूल मंत्र है. चूजों के सही प्रकार से विकास के लिए ब्रूडिंग सबसे ज्यादा जरूरी है. ब्रायलर फार्म का पूरा व्यापार पूरी तरीके से ब्रूडिंग के ऊपर निर्भर करता है. अगर ब्रूडिंग में गलती हुई तो आपके चूज़े 7-8 दिन में कमजोर हो कर मर जायेंगे या आपके सही दाना के इस्तेमाल करने पर भी उनका विकास सही तरीके से नहीं हो पायेगा. इसका मतलब ये है कि आपको मुर्गियों से अच्छा प्रोडक्शन नहीं मिलेगा. इससे पोल्ट्री फार्मिंग में नुकसान उठाना पड़ जाएगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक जिस तरह से मुर्गी अपने चूजों को कुछ-कुछ समय में अपने पंखों के नीचे रख कर गर्मी देती है उसी तरह से चूजों को फार्म में भी जरूरत के अनुसार तापमान देना पड़ता है. ब्रूडिंग कई प्रकार से किया जाता है. बिजली के बल्ब से, गैस ब्रूडर से या अंगीठी या सिगड़ी से.
बिजली के बल्ब से ब्रूडिंग
इस तरह की ब्रूडिंग के लिए आपको नियमित रूप से बिजली की जरूरत होती है. गर्मी के महीने में प्रति चूज़े को 1 वाट की आवश्यकता होती है. जबकि सर्दियों के महीने में प्रति चूज़े को 2 वाट की जरूरत होती है. गर्मी के महीने में 4-5 दिन ब्रूडिंग किया जाता है और सर्दियों के महीने में ब्रूडिंग 12-15 दिन तक करना आवश्यक होता है. चूजों के पहले हफ्ते में ब्रूडर को लिटर से 6 इंच ऊपर रखें और दूसरे हफ्ते 10 से 12 इंच ऊपर.
गैस ब्रूडर द्वारा ब्रूडिंग
जरूरत और क्षमता के अनुसार बाजार में गैस ब्रूडर उपलब्ध है. जैसे की 1000 औ 2000 क्षमता वाले ब्रूडर. गैस ब्रूडर ब्रूडिंग का सबसे अच्छा तरिका है. इससे शेड को अन्दर का तापमान एक समान रहता है.
अंगीठी या सिगड़ी से ब्रूडिंग
ये खासकर उन क्षेत्रों के लिए होता हैं जहां बिजली उपलब्ध ना हो या बिजली की बहुत ज्यादा कटौती वाले जगहों पर, लेकिन इसमें ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि इससे शेड में धुआं भी भर सकता है या आग भी लग सकता है. इस प्रकार से जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन करते समय अगर उपरोक्त बातों को ध्यान में रखा जाए तो हमारे मुर्गीपालक जाड़े के मौसम में मुर्गीपालन करते समय मुर्गीयों को ठंड से तो बचाएंगे ही पर साथ ही अच्छा उत्पादन कर अधिक लाभ भी कमा सकेंगे.
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