नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग के दौरान शुरुआती दिनों में चूजों का अच्छे ढंग से ख्याल रखना पड़ता है. खासतौर पर तब जब, इनक्यूबेटर से चूजे निकल जाते हैं. आपको बता दें कि इंक्यूबेटर में अंडों को निर्धारित तापमान, नमी और ऑक्सीजन में रखा जाता है. इसके बाद अंडों को रोटेट किया जाता है. जिससे 21 दिन के बाद अंडों से चूजे निकालने शुरू हो जाते हैं. वहीं दूसरा एक तरीका यह है कि मुर्गियां अंडों को सेहती हैं और उस अंडे निकलते हैं. जब मुर्गियों के सेने से अंडे बाहर निकलते हैं तो मुर्गियां खुद उनका ख्याल रख लेती हैं. जिससे चूजों में मृत्यु दर नहीं दिखाई देती. जबकि इनक्यूबेटर से निकले चूजों का ख्याल ज्यादा रखना होता है, नहीं तो फिर दिक्कतें शुरू हो जाती हैं.
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि इनक्यूबेटर से निकले चूजों का शुरुआती 10 दिनों में अगर ठीक ढंग से ख्याल नहीं रखा गया तो इससे उनमें सबसे ज्यादा मृत्यु दर दिखाई देती है. उन्हें 28 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान देना पड़ता है. इसके लिए कई देसी जुगाड़ भी लगाए जाते हैं. जिसको करके आप चूजों में मृत्यु दर को रोक सकते हैं और उन्हें जरूरी तापमान दे सकते हैं. इससे चूजों की ग्रोथ भी सही होती है और उनमें मृत्यु दर भी नहीं दिखाई देती है.
इस तरह लगाएं देसी जुगाड़
अगर आप शुरुआती दिनों में इनक्यूबेटर से निकले चूजों का ख्याल रखना चाहते हैं तो उनके लिए एक प्लास्टिक का कैरेट ले लें. इसमें इस बात का ख्याल रखें कि प्लास्टिक के बर्तन में नीचे के हिस्से में छेद हों. ताकि बीट आदि आसानी से नीचे गिर जाए. वहीं इसके बाद प्लास्टिक केे बर्तन को नीचे का हिस्सा छोड़कर हर तरफ से कॉर्टन से ढक दें. अच्छी तरह से बांधें ताकि वह खुले न और उसके अंदर आप 100 वॉट का एक बल्ब भी लगा देना चाहिए. जिससे चूजों को जरूरी टेंपरेचर दिया जा सकता है और इससे उनकी मृत्यु दर कम दिखाई देती है.
इस बात का जरूर दें ध्यान
बता दें कि इस जुगाड़ को बनाने के लिए आप इस बात का ध्यान जरूर रखें कि नीचे के हिस्से को कॉर्टन से न ढकें. क्योंकि चूजे जो बीट करेंगे, वह इससे फर्श पर गिर जाएगी. अगर आपने कॉर्टन लगा दिया तो इससे बीट ऊपर ही रह जाएगी और कई बार चूजे इसे खा जाते हैं और जिसके चलते भी उनमें मृत्यु दर दिखाई देती है. अगर आप चाहते हैं कि चूजों में मृत्यु दर न दिखाई दे तो इस चीज का जरूर ख्याल रखना चाहिए.
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