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Poultry Farming: मुर्गी फार्म को दोबारा बनाते समय इन बातों का रखना चाहिए ध्यान, पढ़ें यहां

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पोल्ट्री फॉर्म में चूजे. live stock animal news

नई दिल्ली. मुर्गी पालन से आप अच्छी खासी आय कमा सकते हैं. मुर्गी पालन की खासियत ये है कि यह कम लागत में किया जाने वाला व्यवसाय है और उसमें अच्छी इनकम होती है. आप अगर ब्रॉयलर मुर्गा पालते हैं तो मीट बेचकर लाखों में कमाई होती है. जबकि लेयर मुर्गियों को पालकर अंडों से भी खूब कमाई की जाती है. कामर्शियल पोल्ट्री फार्मिंग में ब्रॉयलर मुर्गे हो या लेयर मुर्गियां, इन्हें शेड में रखा जाता है. लेयर मुर्गियां अंडों को उत्पादन करती हैं तो वहीं ब्रॉयलर मुर्गा बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाता है.

बात की जाए ब्रॉयलर मुर्गा पालन की तो एक बार जब सारे मुर्गे फार्म से बिक जाते हैं तो इन्हें दोबारा से तैयार करने की जरूरत होती है. अगर ऐसा न किया जाए तो हो सकता है कि चूजों में बीमारी फैल जाए और फिर उत्पादन बेहतर न हो. जिससे पोल्ट्री फार्मर को नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं कि दोबारा मुर्गी फार्म बनाते वक्त किन बातों का ध्यान देना चाहिए.

इस तरह दोबारा बनाएं पोल्ट्री फार्म
पोल्ट्री एक्स्पर्ट का कहना है कि मुर्गी घर को हमेशा ही ऊंची जगह पर बनाना चाहिए. जिससे बरसात आदि का पानी मुर्गी के फार्म के अंदर ना घुस सके.

मुर्गी के घर को मजबूत और टिकाऊ सामग्रियों से बनाना चाहिए. वहीं इसके फर्श को बाहर की जमीन पर 10 इंच ऊंचा रखना बेहतर होता है.

पोल्ट्री फार्म की दीवारें मजबूत होनी चाहिए और तीन तरफ से इसे बंद रखना बेहतर होता है.

पक्षियों को जानवरों से बचाने की तमाम व्यवस्था करनी चाहिए. हो सकता है कि पहले उत्पादन के बाद उसमें कुछ चीज खराब हो गई हों, तो इसे तुरंत बदल देना चाहिए.

सबसे अहम चीज फर्श को लेकर ध्यान देने वाली होती है. फर्श को दोबारा बनाना चाहिए, नहीं तो इसमें बैक्टीरिया रह जाते हैं. जिससे चीजों को बीमारियां हो सकती हैं.

फर्श को दोबारा बनाने के लिए फावड़े या किसी अन्य औजार से पूरी तरह से खोद कर मिट्टी को पलट देना चाहिए. जिस तरह से खेत की गुड़ाई की जाती है ठीक उसी तरह से करना चाहिए.

जब चूजों को पोल्ट्री फार्म लाएं तो सीधे उन्हें जमीन पर न रखें. बल्कि अखबार या दूसरे कागज को पूरे फॉर्म में बढ़ा दें. इस छोटे-छोटे हानिकारक बैक्टीरिया से बचाएं.

पोल्ट्री फार्म में चूने का भी इस्तेमाल करना चाहिए. चूना डालने से फार्म के अंदर मुर्गियों के लिए बनाया गया बिस्तर का पीएच बढ़ जाता है.

जब पीपएच लेवल 12 तक पहुंच जाए तो इससे बैक्टीरिया की कोशिकाएं झिल्ली नष्ट हो जाती हैं. वहीं चूना, अमोनिया वाष्पीकरण को बढ़ाकर कूड़े में नाइट्रोजन की मात्रा को कम करता है.

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