नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग एक बेहतरीन बिजनेस है. इससे लाखों लोगों को आजीविका मिलती है. पोल्ट्री प्रोडक्ट लोगों को क्वालिटी और प्रोटीन से भरपूर खाद्य उपलब्ध कराता है. हालांकि जब पोल्ट्री सेक्टर में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) की एंट्री होती है तो ये सेक्टर धड़ाम हो जाता है. करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. छोटे से लेकर बड़े व्यापारी सभी को नुकसान होता है. इसको देखते हुए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने फैसला किया है कि अब हर पोल्ट्री फार्म चलाने वालों का रजिस्ट्रेशन किया जाए. ताकि बर्ड फ्लू जैसे हालात से निपटने के लिए सरकार के पास पहले से प्लान हो.
बता दें कि पिछले दिनों मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने देश में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) के हाल के प्रकोपों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. जहां ये तय हुआ कि पोल्ट्री फार्मर्स का रजिस्ट्रेशन होने से बर्ड फ्लू से निपटने के लिए कितन बड़ी तैयारी की जानी है, इसका अंदाजा हो जाएगा. लोगों को आगाह भी किया जा सकेगा. डीएएचडी सचिव अलका उपाध्याय ने कहा कि एवियन इन्फ्लूएंजा की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने और बीमारी को रोकने और इसके प्रसार को रोकने के लिए रणनीतियों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक विशेषज्ञों, पोल्ट्री उद्योग के प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाया गया था.
क्यों रजिस्ट्रेशन करना है जरूरी
उन्होंने कहा कि पक्षियों के परामर्श से डीएएचडी द्वारा बर्ड फ्लू को रोकने और नियंत्रित करने के लिए त्रि-आयामी रणनीति तय की गई है. इसमें सख्त जैव सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जिसके तहत पोल्ट्री फार्मों को स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ाना होगा, फार्म तक पहुंच को नियंत्रित करना होगा और संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कड़े जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, रोग ट्रैकिंग और नियंत्रण को बढ़ाने के लिए पोल्ट्री फार्मों की निगरानी और अनिवार्य पंजीकरण को मजबूत करना होगा (सभी पोल्ट्री फार्मों को एक महीने के भीतर राज्य पशुपालन विभागों के साथ पंजीकरण करना होगा. सरकार ने पोल्ट्री उद्योग के हितधारकों से इस निर्देश का 100 फीसदी अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया है).
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
- तहसीलदार से अनुपालन रिपोर्ट.
- सीपीसीबी दिशानिर्देश अनुपालन रिपोर्ट.
- निदेशक / भागीदार / मालिक का आधार कार्ड.
- पैन कार्ड.
- एक फोटो.
- हस्ताक्षर नमूना.
- साइट प्लान,8. बिल्डिंग प्लान.
- निर्माण प्रक्रिया प्रवाह चार्ट.
- बिजली कनेक्शन.
- डीजी सेट क्षमता.
- कच्चे माल का विवरण.
- तैयार उत्पादों का विवरण.
- ईटीपी योजना (यदि लागू हो).
- वन एनओसी या प्रति के लिए आवेदन.
- सीए प्रमाण पत्र जिसमें भूमि के मूल्य का विवरण हो.
- भवन और मशीनरी.
- भागीदारी विलेख/एसोसिएशन का ज्ञापन.
- इन्वेस्ट हरियाणा आईडी और पासवर्ड (यदि पहले से पंजीकृत है).
- आधिकारिक ईमेल आईडी.
और सभी भागीदारों या निदेशकों के मोबाइल नंबर. - संपत्ति राजस्व रिकॉर्ड.
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