नई दिल्ली. मुर्गी पालन करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसान पोल्ट्री फार्मिंग शुरू कर दें तो इससे उनकी इनकम दोगुनी हो जाएगी. आपको बता दें कि पोल्ट्री फार्मिंग में किसान न सिर्फ अंडे बेचकर बल्कि इसके मीट को बेचकर भी कमाई कर सकते हैं. लेयर मुर्गियां अंडा उत्पादन करती हैं, जबकि ब्रॉयलर मुर्गो से मीट हासिल होता है. वहीं बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग करके मीट और अंडा दोनों का ही उत्पादन किया जा सकता है. वहीं मुर्गियों को बेचकर भी कमाई की जा सकती है. पालन के साथ बात आती है कि उन्हें ऐसा क्या खिलाया जाए, जिससे उनकी ग्रोथ अच्छी और उत्पादन बेहतर मिले. आएये इस बारे में जानते हैं.
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गी पालन में मुर्गियों के खाने-दाने और उनके रखरखाव का ध्यान रखना होता है. कई बार मुर्गियों को मौसम की मार झेलनी पड़ती है. इससे उनमें बीमारियां होती हैं. अगर इन सब चीजों को छोड़ दें तो पोल्ट्री फार्मिंग सदाबहार चलने वाला काम है. एक समय पर अंडों की डिमांड कम हो जाती है लेकिन मीट की डिमांड पूरे 12 महीने तक बनी रहती है. अगर मुर्गियों को अच्छी तरह से फीड खिलाया जाए और उनका उत्पादन अच्छा मिलता रहे तो इसे खूब फायदा होता है.
ज्यादा अंडा देने लगती हैं मुर्गियां
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गियों का अजोला खिलाना चाहिए. अजोला उनका तेजी के साथ वजन बढ़ाता है. अगर आप ब्रॉयलर फार्मिंग कर रहे हैं तो मुर्गियों को अजोला खिला सकते हैं. वहीं इससे अंडा उत्पादन भी बेहतर होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गियों को उनकेे फीड के रूप में 10 से 15 ग्राम अजोला हर दिन खिलाना चाहिए जो उनके शरीर के लिए फायदेमंद होता है. ये मुर्गियों के शरीर के भार को तेजी के साथ बढ़ता है. अंडा उत्पादन करने वाली मुर्गियां में हर दिन अंडा देने का परसेंटेज बढ़ जाता है. आमतौर पर मुर्गियां 280 से 300 तक अंडों का उत्पादन करती हैं लेकिन अजोला खिलाया जाए तो 10 से 15 फीसदी तक अंडों के उत्पादन में ग्रोथ हो सकती है.
यहां पढ़ें अजोला की खासियत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अजोला पानी की सतह पर तैरने वाला एक जलीय फर्न है. इसकी पंखुड़ियां में नील हरित शैवाल सहजीवी के रूप में पाया जाता है. क्योंकि इसमें प्रोटीन, अमीनो अम्ल, विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कॉपर और मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व होते हैं. इसलिए मुर्गियों के लिए ये बेहद ही फायदेमंद माना जाता है. अजोला की खासियत ये है कि अनुकूल वातावरण में 5 दिनों में बढ़कर दोगुना हो जाता है. पूरे साल इसका प्रति हेक्टेयर 300 टन से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. इसलिए पोल्ट्री फार्मिंग में अजोला का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.
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