Home पोल्ट्री Poultry Farming: क्या संभव है केज फ्री अंडों का उत्पादन, जानिए इससे नुकसान है या फायदा
पोल्ट्रीलेटेस्ट न्यूज

Poultry Farming: क्या संभव है केज फ्री अंडों का उत्पादन, जानिए इससे नुकसान है या फायदा

livestock animal news
केज में पाली जा रही हैं मुर्गियां. live stock animal news

नई दिल्ली. क्या आपने कभी केज फ्री अंडों के बारे में सुना है. जी हां भारत में अक्सर केज फ्री अंडा उत्पादन को लेकर चर्चा जोर पकड़ती है लेकिन यह मसला सिर्फ चर्चा तक ही सीमित रह जाता है. हालांकि कई एनजीओ समय-समय पर इसको लेकर आवाज उठाती रहती हैं कि भारत में केज फ्री अंडे का प्रोडक्शन किया जाए, अंडा देने वाली मुर्गियां को केज में न रखा जाए उन्हें आजाद छोड़ा जाए. एनजीओ का मानना है कि कहीं न कहीं ऐसा न करके मुर्गियों का उत्पीड़न भी किया जा रहा है. हालांकि यह सवाल हमेशा ही मुंह खोले रहता है कि भारत में केज फ्री मुर्गी पालन क्या संभव है? क्या केज फ्री मुर्गी पालन का असर पोल्ट्री प्रोडक्ट के रेट पर नहीं पड़ेगा? एक्सपर्ट का मानना है कि केज फ्री होने से प्रोडक्शन भी पर भी असर पड़ेगा और भारत में महंगी जमीनों के चलते केज फ्री अंडा उत्पादन करना संभव भी नजर नहीं आता है.

ज्यादा जमीन की होगी जरूरत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष पोल्ट्री एक्सपर्ट रिकी थापर का कहना है कि भारत में जमीन की कमी और महंगे रेट को देखते हुए केज फ्री अंडा उत्पादन करना बहुत मुश्किल टास्क है. उनका मानना है कि यदि केज फ्री अंडा उत्पादन किया जाए तो मौजूदा वक्त में जितनी जमीन की आवश्यकता है, उसे तीन गुना ज्यादा जगह की जरूरत होगी. उदाहरण के तौर पर इसे ऐसे समझा जा सकता है कि यदि पोल्ट्री फार्म में 25 हजार मुर्गियां पाली जा रही हैं तो केज फ्री करने पर इतनी जगह में सिर्फ 17 हजार मुर्गियों का ही पालन किया जा सकेगा. जबकि गांव या शहर भारत में हर जगह जमीन की कीमतों से हम सब वाकिफ हैं. एक आम पोल्ट्री फार्मर के लिए ज्यादा महंगी जमीन पर मुर्गी पालन संभव ही नहीं दिखता है.

कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी होगी
जबकि जबकि एक दूसरा बहुत बड़ा कारण यह है कि केज फ्री अंदर का प्रोडक्शन करते ही इसके प्रोडक्शन पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. आज के दौर में हाईटेक पोल्ट्री केज आ रहे हैं. जिससे मुर्गियों की बीट और एंड एक जगह जमा किए जाते हैं. जिसके चलते बहुत कम कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है. पोल्ट्री संचालकों का मानना है कि कम समय में ज्यादा काम हो जाता है. जबकि केज फ्री करने से कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ानी होगी. हर अंडे को एक-एक करके जमा करना होगा. वही बीट भी कर्मचारियों को हाथ से उठाना होगा. वहीं केज फ्री अंडा उत्पादन में जो सबसे बड़ी समस्या यह है कि अंडा खाने वालों पर इसका सीधा असर होगा. इसके उत्पादन में कमी आने के चलते जो अंडा 5 प्रति बिक रहा है, केज फ्री होते ही इसकी कीमत 15 रुपये तक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

प्रोडक्शन पर भी पड़ेगा असर
जबकि डिटेल बाजार में 6 से 7 में ज्यादातर प्रोटीन देने वाले एकमात्र अंडा ही ऐसा है, जिससे गरीब इंसान भी खरीद कर खा लेता है. यदि यह महंगा हो जाएगा तो गरीबों की बहुत से दूर हो जाएगा और उन्हें न्यूट्रिशन का सोर्स भी नहीं मिल सकेगा. बता दें कि भारत में हर साल करीब 129 बिलियन अंडों का प्रोडक्शन किया जाता है. जबकि एक भारतीय की थाली में एक वर्ष में 90 अंडा आता है और इसकी संख्या में हर साल प्रति अंडा बढ़ोतरी भी होती है. जिसमें बैक यार्ड पोल्ट्री से मिलने वाले अंडे भी हैं. यही वजह है कि कहा जा रहा है कि भले ही केज फ्री अंडों के उत्पादन की मांग एनजीओ कर रही हैं लेकिन अंडा खाने वालों प्रोडक्शन और भारत में महंगी जमीन के कारण केज फ्री अंडो का प्रोडक्शन संभव नजर नहीं आता.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming: बरसात में मुर्गियों को हो सकती है कई खतरनाक बीमारी, यहां पढ़ें बचाव का तरीका

बारिश में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए क्या उपाय किए...

poultry farming, poultry feed, marigold, poultry
पोल्ट्री

Poultry: यहां जानें, 100 देसी मुर्गियों के पालने पर कितना आएगा खर्च

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अगर 100 देसी मुर्गियों को पलते...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry: बरसात में मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए करें ये तीन काम

मुर्गियों को गर्माहट ज्यादा पसंद होती है. ऐसे में उन्हें नमी वाली...

पोल्ट्री

Poultry Farming: देसी मुर्गी पालना फायदेमंद है या नहीं, जानें यहां

देसी मुर्गी प्रति किलो 400 से 500 रुप किलो आसानी से बिक...