नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में पोल्ट्री कारोबार को बढ़ावा देने के सरकार कई प्रयास कर रही है. पोल्ट्री सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार ने साल 2024-25 में 3587 रुपए खर्च करने का प्लान बनाया है. ताकि इस सेक्टर से जुड़ने की चाहत रखने वाले लोगों को मदद करके उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके. वहीं गरीब किसान इस काम को करके अपनी आजीविका को भी बढ़ा सकते हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि खेती के अलावा किसान पोल्ट्री फार्मिंग करते हैं तो उन्हें उससे ज्यादा फायदा मिलेगा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार सिर्फ एक वजह से पोल्ट्री को बढ़ावा नहीं देना चाह रही है बल्कि इसके पीछे एक नहीं कई वजह शामिल है. आइए जानते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग के सेक्टर को क्यों बढ़ाने की जरूरत है और इस सेक्टर को मजबूत करने की भी जरूरत क्यों है.
ये है सरकार का प्लान
- पोषण सुरक्षा (Nutrition Security) को सुनिश्चित करना.
- प्रदेश में आम लोगों तक प्रोटीन वाला आहार और अंडे की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
- प्रदेश में लोगों के लिए पोल्ट्री मांस की उपलब्धता मांग के अनुसार तय करना.
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पोल्ट्री पालकों को उन्नतशील मुर्गी पालन की शुरुआती और खास ट्रेनिंग की व्यवस्था सुलभ कराना.
- पोल्ट्री को अपनी विशेषताओं के आधार पर ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के छोटे-बड़े पोल्ट्री फार्मर्स को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना.
- मुर्गी पालकों के पक्षियों में रोगों का सामान्य निदान तथा कुक्कुट पक्षियों में विभिन्न संक्रामक रोगों से बचाव के लिए चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराना.
7 पशु और पक्षी के आहार की गुणवत्ता हेतु विभिन्न आहारों के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराना.
- बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए चूजे तैयार करना.
- पोल्ट्री विकास कार्यक्रम में उद्यमिता का विकास करना.
- कृषि उत्पादन के लिए जैविक खाद की उपलब्धता को बढ़ावा देना.
पोल्ट्री प्रोडक्ट की जरूरत
- अखिल भारतीय चिकित्सा परिषद (ICMR) के अनुसार प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 182 अण्डा तथा 10 और 50 किलोग्राम पोल्ट्री मीट मांस मिलना चाहिए.
- राष्ट्रीय स्तरपर 101 अंडे प्रतिव्यक्ति तथा 7.10 किलोग्राम मांस प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष की उपलब्धता है.
- यूपी में 20 अंडे प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष तथा 5.11 किलो ग्राम मांस की उपलब्धता है.
- प्रदेश में अंडा तथा पोल्ट्री मीट के कुल उत्पादन के लगभग 70 प्रतिशत निजी क्षेत्र में कार्यरत आर्गनाइज्डसेक्टर के पोल्ट्री सेक्टर से और 30 प्रतिशत बैकयार्ड क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मिंग से होता है.
क्या काम किए जा रहे हैं
उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति-2022 अन्तर्गत 10 हजार बर्ड पक्षी कीमत 30 हजार बर्ड क्षमता और 60 हजार पक्षी के कानसिंगल लेयर फार्म तथा 10 हजार बर्ड क्षमता के ब्रॉयलर पैरेन्ट फार्म की स्थापना कराये जाने का लक्ष्य नेधारित किया गया है. पोल्ट्री सेक्टर में हैचरी की स्थापना. आहार परीक्षण प्रयोगशाला. पोल्ट्री रोग निदान प्रयोगशाला और बैंकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है.
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