नई दिल्ली. पोल्ट्री सेक्टर में बिजली बेहद अहम होती है. पोल्ट्री उत्पादन पर इसका गहरा असर होता है. महंगी होती बिजली ने पोल्ट्री फार्मर को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है. इससे पोल्ट्री फार्मिंग की लागत भी बढ़ जाती है. जिससे पोल्ट्री फार्मर को कम मुनाफा मिल रहा है. चाहे गर्मी हो या फिर सर्दी, पोल्ट्री फार्म को 24 घंटे बिजली की जरूरत होती है. मुर्गियों को बाहरी तापमान से बचाने के लिए पोल्ट्री फार्मर को बिजली चाहिए ही होती है. ऐसे में पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर सरकारें पोल्ट्री फार्मर को एग्रीकल्चर रेट पर बिजली मुहैया कराने लगें तो इससे पोल्ट्री सेक्टर और तेजी से बढ़ेग. वहीं इससे जुड़ने वाले लोगों को फायदा मिलेगा.
जबकि इस सेक्टर में ज्यादा लोग आगे आएंगे तो रोजगार का भी सृजन होगा. जिससे बेरोजगारी भी दूर की जा सकती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो मुर्गियों को 28 से 30 डिग्री तापमान चाहिए होता है. कुछ कम ज्यादा हो तो मुर्गियां एडजस्ट कर लेती हैं लेकिन ज्यादा ऊपर नीचे होने पर उत्पादन पर इसका गहरा असर पड़ता है. किसी भी मौसम में मुर्गियों को ज्यादा दिक्कत न आए, इसके लिए पोल्ट्री फार्मर को कई इंतजाम करने पड़ते हैं.
सस्ती दर पर मिलनी चाहिए बिजली
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पोल्ट्री फार्मर्स को गर्मियों में मुर्गियों के लिए कूलर लगाने पड़ते हैं. ताकि वह ठंड महसूस कर सकें. वहीं ठंड के मौसम में मुर्गियों को हीट की जरूरत होती है, क्योंकि बाहर का तापमान कम होता है. ऐसे में ब्रूडर की व्यवस्था की जाती है. ताकि अंदर का तापमान मुर्गियों के लिए बेहतर रहे. पोल्ट्री फार्मर इसके लिए बिजली से चलने वाला ब्रूडर चलाते हैं, जिसमें बिजली की खपत ज्यादा होती है. कई फार्मर बिजली महंगी होने की वजह से कोयले से भी ब्रूडर चलते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर पोल्ट्री फार्मर को भी बिजली सस्ती दर पर मिले तो इससे उन्हें फायदा मिलेगा.
सरकार को करना चाहिए ये काम
बहुत से फार्मर पोल्ट्री फार्म में बिजली की खपत कम करने के लिए बायोगैस प्लांट लगाते हैं. वहीं एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्म में बिजली का इस्तेमाल स्मार्ट तरीके से करके इसकी खपत और भी पोल्ट्री लागत को काम किया जा सकता है. बात अगर लेयर मुर्गियों की जाए तो उन्हें रोशनी की जरूरत होती है. अगर पर्याप्त रोशनी नहीं मिलती तो इससे उनके अंडों के उत्पादन पर फर्क आ जाता है. मुर्गियां अंडों का उत्पादन नहीं करतीं, जिससे पोल्ट्री फार्मर को सीधे तौर पर नुकसान होता है. इसके अलावा कूलर, पंखा, ब्रूडर आदि चलाने के लिए भी पोल्ट्री फार्म में बिजली की जरूरत है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्मर को आम किसानों की तरह ही एग्रीकल्चर रेट पर बिजली उपलब्ध कराना चाहिए.
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