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Animal Husbandry: बकरी पालन के साथ मुर्गी और मछली पालन भी कैसे करें, जानिए यहां

देश में बकरियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. मुर्गी, मछली और बकरी पालन तीनों एक साथ यानी कमाई का ट्रिपल जरिया कैसे होता है, कितना कर सकते हैं और किस में सबसे ज्यादा मुनाफा होता है. इस आर्टिकल में हम आपको यह सारी जानकारी देंगे. जी हां, अब एक नहीं, एक साथ तीनों काम आप कर सकते हैं. बकरी पालन में 14 महीने में आप बकरी से दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं. बकरी और उसके साथ उसके बच्चे से भी आप मुनाफा ले सकते हैं. वहीं मुर्गी पालन में महज 35 दिनों में एक कमाई ले सकते हैं.

डेयरी फार्म बिजनेस में कुछ चीजें बहुत जरूरी होती है. इसमें धैर्य बहुत जरूरी होता है. मुर्गी, मछली या फिर बकरी की फार्मिंग में धीरे—धीरे ग्रोथ होती है. कई किसान भाइयों की इनकम का जरिया फार्मिंग है. मछली पालन के लिए एक 60 बाई 40 के तालाब में fish फिश फार्मिंग शुरू कर सकते हैं वही एक छोटा फॉर्म और एक छोटी शेड बनाकर बकरी पालन कर सकते हैं. तालाब में रोहू, कतला डालकर उनसे कमाई कर सकते हैं. आप इनसे दस से बारह हजार रुपये कुछ ही दिनों में कमा सकते हैं.

मात्र 14 महीने में रिटर्न शुरू बकरी पालन में 14 महीने में ही रिटर्न शुरू हो जाता है, एक छोटी शेड में अपने बकरियों को आप आ सकते हैं. वहीं इस बकरी पालन के साथ-साथ आप छोटा फॉर्म बनाकर आप मुर्गी भी पाल सकते हैं. कई जगह मुर्गी पालन में देसी की डिमांड कम होती है तो बॉयलर मुर्गी या मुर्गा पाल सकते हैं. 120 बाई 23 के फॉर्म में आप मुर्गी पालन कर सकते हैं,आप इसमें बॉयलर तैयार कर सकते हैं. मुर्गी पालन में आपको इस चीज का ध्यान रखना होगा कि आपका मार्केट कैसा है. कई जगह गांव का टच होता है तो वहां देसी मुर्गी या मुर्गियों की बिक्री नहीं हो पाती है.

सोनाली और कड़कनाथ की जगह बॉयलर सोनाली और कड़कनाथ पालने से वहां आपको लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि वहां इन दोनों सोनाली और कड़कनाथ मार्केट नहीं होगा इसलिए बॉयलर को आप प्रमुखता दे सकते हैं. बॉयलर मात्र 35 दिनों में तैयार हो जाता है और इसकी खाने-पीने में भी ज्यादा खर्चा नहीं आता है. एक फार्म में करीबन 2000 चूजे रखे जा सकते हैं, इसके आसपास ही अगर आप बकरा पालन के लिए शेड बनाएंगे तो आपको 14 महीने में कमाई आपकी आनी शुरू हो जाएगी. आप चाहे तो अपने मुर्गी पालन में किसी कंपनी का साथ दे सकते हैं. एक स्लाट में आपको एक हजार रुपये प्रतिदिन की बचत हो सकती है. उमस और गर्मी में मुर्गी पालन में थोड़ा असर पड़ता है, लेकिन सर्दी आते ही उसकी संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है.

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