नई दिल्ली. अब हिंदुस्तान में पोल्ट्री कारोबार की ओर किसानों का रुझान बढ़ने लगा है. किसानों को लगने लगा है कि मुर्गी पालन बहुत ही मुनाफे का सौदा है. यही वजह है कि देश में इस कारोबार से करोड़ों की संख्या में किसान जुड़े हैं और मुनाफा भी ठीक-ठाक कमा रहे हैं. लगातार बढ़ रहे इस सेक्टर को देखते हुए सरकारों ने भी मदद करना शुरू कर दिया है. अलग-अलग राज्य सरकारों ने मुर्गी पालन के बिजनेस को शुरू करने के लिए सब्सिडी भी देना शुरू कर दिया है. मुर्गी पालन में लाभ को देखते हुए किसानों ने खेती छोड़ मुर्गी पालन करने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज ऐसे ही किसान की स्टोरी बताने जा रहा है, जिसने खेती छोड़ मुर्गी पालन शुरू कर खेती से ज्यादा कमाई करना शुरू कर दिया है.
धन कमाने के साथ रोजगार भी दे रहा
बकरी पालन, गाय पालन, भैंस पालन के साथ अब मुर्गी पालन की ओर भी किसानों का रुझान बढ़ने लगा है. किसान अब खेती के साथ मुर्गी पालन को भी रोजगार का जरिया बनाने लगे हैं. इसमें लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं. लोगों के लिए मुर्गी पालन रोजगार का बेहतरीन विकल्प बनता जा रहा है.
मुर्गी पालन कर ऐसे आर्थिक संकट से निकाला परिवार
मुर्गी पालन कई उद्देश्यों की पूर्ति का हिस्सा बनता जा रहा है. रोजगार से विमुख राजस्थान के अलवर जिले के गुरिया निवासी नत्थूसिंह राजपूत ने बताया परिवार बेरोजगारी के सामने निढाल हो गया था. परिवार के सामने आर्थिक संकट के साथ-साथ बच्चों का पेट पालना भी मुश्किल हो गया था. ऐसे में किसी ने मुर्गी पालन करने का सुझाव दिया. आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवार के सामने रिस्क लेने की हिम्मत नहीं थी लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि जीवन में ये आखिरी रिस्क लेकर देखो. उनकी बात को मानते हुए दो हजार चूजों से रोजगार की शुरुआत की. इसके बाद परिवार की मेहनत ऐसी रंग लाई कि पीछे मुड़कर नहीं देखा.आज की बात करें तो करीब दस हजार मुर्गियों का शानदार फार्म हाउस संचालित कर रहे हैं, जिससे हर साल लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.
ऐसे संचालित कर रहा आधुनिक फार्म हाउस
मुर्गी पालक किसान नत्थूसिंह ने बताया कि हैचरी से चूजे लाकर उन्हें सत्तर दिनों तक जमीन पर दाना-पानी व देख-रेख के बीच पाला जाता है. इन्हीं दिनों के दौरान बढ़ती मुर्गी की ग्रोथ के बीच उनकी केज (पिंजरा) बनाकर वैक्सीन की जाती है. साथ ही शेड्यूल के अनुसार पुन: पैरों में टीका लगाकर वैक्सीनेशन की जाती है. इनका 150 दिनों के शुरूआती दिनों में 70 से 80 फीसदी अंडे का उत्पादन शुरू हो जाता है, जो कि 19 माह तक अंडे का उत्पादन होता रहता है. इन्हीं अंडों को बाजार में बेचकर आजीविका तो चल ही रही है कई लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है.
फार्म हाउस में मुर्गियों का प्रबंधन
ऐसे कर सकते हैं लाखों की इनकम
मुर्गी पालक किसान नत्थूसिंह बताते हैं कि चूजों की संख्या के अनुसार फार्म हाउस तैयार कर सकते हैं. अभी 450 वर्ग फीट एरिया में बनाए मुर्गी फार्म हाउस में 5400 मुर्गियों का प्रबंधन किया जा रहा है. एक साल में लाखों रुपये की आमदनी हो जाती है.
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