नई दिल्ली. आवारा पशुओं किसान ही नहीं बल्कि आम जनता भी बहुत परेशान हैं. आवारा गाय-सांड़ किसानों की खेती को उजाड़ रहे हैं. ये मामला चुनावी मुद्दा तक बन गया है. किसान से लेकर आम जनता भी चाहती है कि इन पशुओं को पकड़कर गोशाला में भेज दिया जाए. मगर, उत्तर प्रदेश के आगरा में कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनकर लोग हैरान ही नहीं परेशान भी दिखे. जब नगर निगम की कैटल कैचर टीम दयालबाग स्थित तुलसी बाग में शनिवार को छुट्टा पशुओं को पकड़ने गई तो लोगों के विरोध कर दिया. कई घंटे की मशक्कत और पुलिस हस्तक्षेप के बाद विरोध कर रहे लोगों को शांत कर कैटल कैचर टीम को वहां से निकाला. बाद में पकड़ी गई गायों को कान्हा गौशाला टेढ़ी बगिया में छोड़ा गया.
घटना शनिवार की सुबह की है. नगर निगम कैटल कैचर की टीम ने गायों को पकड़ लिया. स्थानीय लोगों ने टीम के सदस्यों व वाहन को वहीं रोक कर हंगामा करना प्रारंभ कर दिया. लोगों का कहना था कि वे गायों को नहीं ले जाने देंगे. सारे मामले की जानकारी पुलिस को 112 नंबर और निगम के अधिकारियों को दी गई. पुलिस और नगर निगम बाउंसर मौके पर पहुंचे. इसके बाद काफी समझाने के बाद लोगों ने टीम और गाय से लदे वाहन को वहां से जाने दिया.
गाय पर दो हजार तो भैंस पर आठ हजार का जुर्माना
कल्याण अधिकारी डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि छुट्टा जानवरों के खिलाफ नगर निगम अभियान चला रहा है. इसलिए पशु पालक अपने जानवरों को बाड़ों के अंदर ही रखें. पकड़े जाने पर गाय पर दो हजार और भैंस पर आठ हजार का जुर्माना वसूल किया जाएगा. इसके अलावा गाय पर प्रतिदिन दो सौ रुपये और भैंस पर तीन सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खुराक का पैसा भी पालक से वसूल किया जाएगा.
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