Home पशुपालन ऊंट का बच्चा पैदा होने पर मिल रहे 10 हजार रुपये, ये है आवेदन करने का तरीका
पशुपालन

ऊंट का बच्चा पैदा होने पर मिल रहे 10 हजार रुपये, ये है आवेदन करने का तरीका

Bactrian camels, livestockanimalnews, United Nations declared 2024 the International Year of Camelids
Bactrian camels

नई दिल्ली. राजस्थान का जहाज कहलाने वाले ऊंटों का संरक्षण करने के लिए प्रदेश सरकार काम कर रही है. ऊंट पालन को बढ़ावा मिले इसके लिए सरकार आर्थिक मदद भी कर रही है. ऊंट पालकों को इस मद में सरकार 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया करा रही है, जिससे ऊंट पालन में किसानों की रुचि बढ़ सके. इसके लिए सरकार ने उष्ट्र संरक्षण योजना को संचालित कर रखा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान ऊंट पालकर इस योजना का लाभ ले सकें. इस योजना के तहत सरकार ने दूसरी किस्त जारी करने के सरकार ने आदेश दे दिए हैं. जल्द ही ऊंट पालकों के खाते में इस रकम को भेज दिया जाएगा.

ऊंटों की घट रही संख्या को लेकर राजस्थान सरकार बहुत चिंचित है.लोग ऊंट पालन में रुचि नहीं दिखा रहे. इसलिए सरकार ने किसानों और पशुपालकों को ऊंट पालने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए राजस्थान सरकार पिछले कई सालों से उष्ट्र संरक्षण योजना को संचालित कर रही है. इस योजना के तहत ऊंट पालन के लिए 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दे रही है.

ऐसे मिलेगा इस योजना का लाभ
ऊंटों का संरक्षण करने के लिए प्रदेश सरकार काम कर रही है. ऊंट पालन को बढ़ावा मिले इसके लिए सरकार आर्थिक मदद भी कर रही है. ऊंट पालकों को इस मद में सरकार दो बार में 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया करा रही है. इस योजना के तहत जिन ऊंट पालकों ने एक साल पहले ऊंट के बच्चे और उसकी मां का पशु चिकित्सालय में जाकर टैग करा लिया उसे पांच हजार की पहली किश्त पहले ही जा चुकी है. अब दूसरी के किश्त के लिए ऊंट पालक को मादा ऊंटनी और उसके एक साल के बच्चे को पशु चिकित्सालय में लेजाकर फोटो खिचांकर पोर्टल पर अपलोड करानी होगी. अगर पुराना टैग और नया टैग मैच कर जाता है तो उक्त ऊंट पालक को 5000 की दूसरी किश्त भी जारी कर दी जाएगी.

टोडियो के लिए भी कर सकेंगे आवेदन
ऐसा नहीं है कि दूसरी किश्त वाले ही पैसों के लिए आवेदन करेंगे. पहले बच्चे वाले भी पशु चिकित्सालय में जाकर टोडियो (नर/मादा बच्चे) के लिए अप्लाई कर सकेंगे. ऊंट पालकों को ये आवेदन सरकार द्वारा बताए गए पोर्टल पर ही करने होंगे. अगर सभी दस्तावेज सत्यता के बाद सही पाए जाते हैं तो उन्हें भी पहली किश्त जारी कर दी जाएगी.

बीमा का भी मिलेगा लाभ
उष्ट्र संरक्षण योजना के तहत पशुपालन विभाग की ओर से ऊंटनी व उसके बच्चे की टैगिंग की जाएगी. पंजीकृत सभी उष्ट्र वंशीय पशुओं का राजस्थान सरकार के पशुधन विकास बोर्ड द्वारा संचालित भामाशाह पशु बीमा योजना के तहत बीमा कराना भी आवश्यक है. इसके तहत अगर पशु मर जाता है, तो पशुपालक को बीमे की राशि मिल सकेगी, जिससे उसे आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

live stock animal news, Survey on farmers, farmers' income, farmers' movement, MSP on crops, Chaudhary Charan Singh Agricultural University, HAU, agricultural economist Vinay Mahala, expenditure on farming.
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की इन चार परेशानियों का घर पर ही करें इलाज, यहां पढ़ें डिटेल

वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है....