नई दिल्ली. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (MoFAH&D) ने मत्स्य पालन क्षेत्र में इनोवेशन और विकास को बढ़ावा देने के लिए हैदराबाद, तेलंगाना में फिश फार्मिंग स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन किया. जहां मछली पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 की भी शुरुआत की गई है. इसके तहत एक करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. जिसके तहत फिश फार्मिंग से जुड़े लोगों को कई फायदे मिलेंगे. कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने स्टार्टअप की भूमिका को अहम बताया है.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी (MoFAH&D) राजीव रंजन सिंह और पंचायती राज मंत्रालय, प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल, राज्य मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी (MoFAH&D) और पंचायती राज मंत्रालय भी उपस्थित थे. प्रो. रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार, और श्री श्याम सिंह राणा, मत्स्य पालन, हरियाणा, भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. साथ ही विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी की भी मौजूदगी रही.
दस स्टार्टअप का होगा चयन
कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने पीएम-एमकेएसएसवाई के तहत विकसित राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया. अब गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध यह एप स्टार्टअप्स को तमाम मॉड्यूल और योजना लाभों तक पहुंचने के लिए एक सहज इंटरफेस प्रदान करता है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 की भी शुरुआत की. जिसमें मत्स्य पालन और संबद्ध क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ का निर्धारित बजट है. दस विजेता स्टार्टअप को मत्स्य पालन और जलीय कृषि में उत्पादन, दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए इनोवेटिव समाधान विकसित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और इनक्यूबेशन सहायता मिलेगी.
मंत्री ने कहा- स्टार्टअप के कई फायदे
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, राजीव रंजन सिंह ने इस बात पर रोशनी डाली कि मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए स्टार्टअप की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए भारत सरकार हर संभव तरीके से स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध और तत्पर है. इस अवसर पर उन्होंने स्टार्टअप्स से आगे आकर निर्यात बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धन, उन्नत प्रौद्योगिकी समाधान, टूना क्षमता का दोहन करने के लिए अंडमान और निकोबार (एएंडएन) और लक्षद्वीप के द्वीप विकास, ऑनबोर्ड प्रसंस्करण इकाइयों के साथ उच्च समुद्र और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए जहाजों के उन्नयन आदि के क्षेत्र में योगदान देने का आग्रह किया.
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