Home पशुपालन Vaccination: यहां पढ़ें, वैक्सीनेशन में किन बातों का देना है ध्यान, क्यों नहीं होता इसका फायदा ये भी जानें
पशुपालन

Vaccination: यहां पढ़ें, वैक्सीनेशन में किन बातों का देना है ध्यान, क्यों नहीं होता इसका फायदा ये भी जानें

animal husbandary, neelee ravi Buffalo
नीली रावी का प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. एक्सपर्ट का ऐसा मनना है कि पशुओं की उत्पादन क्षमता पर सबसे ज्यादा असर उन्हें होने वाली बीमारी की वजह से होता है. अगर पशुओं को बीमार होने से बचा लिया जाए तो फिर दूध उत्पादन क्षमता अपने आप सही रहेगी. हालांकि ये संभव नहीं हो पाता है. क्योंकि पशुओं के बीमार होने की कई वजहें हैं, जिसमें पशुपालकों में जानकारी का न होना भी शामिल है. इसलिए जरूरी है कि पशुपालकों को पशुओं से जुड़ी हर जानकारी को कर लेना चाहिए. याद ​करने मे दिक्कत हो तो इसे लिख लेना चाहिए. कई पशुपालक भाइयों को ये भी पता नहीं होता है कि पशुओं को वैक्सीन कब लगवाई जाती है.

इतना ही नहीं वैक्सीन लगवाने के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए. किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इन सब चीजों की जानकारी होना बेहद ही अहम है. अगर ये जानकारी नहीं होगी तो फिर ज्यादा फायदा नहीं होगा. वहीं वैक्सीनेशन कराने के बाद भी कई बार ये कारगर साबित नहीं होता है. इसलिए भी ये बेहद जरूरी है कि किसान भाई उन वजहों को जानते रहें जिसकी वजह से वैक्सीनेशन कराने का फायदा नहीं होता है. इस आर्टिकल में हम आपको कुछ प्वाइंट में वैक्सीनेशन कराने के दौरान ध्यान देने वाली बातों और वैक्सीनेशन कैसे फेल हो जाता है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं.

वैक्सीनेशन के दौरान इन बातों पर दें ध्यान
टीकाकरण के समय पशु का हेल्दी होना बेहद ही जरूरी होता है.

जहां भी निर्धारित किया है वहां पर टीके को फ्रिज में तब तक रखा जाना चाहिए जब तक कि उसे पशु में लगा नहीं दिया जाए.

दवा बनाने वाली कंपनी के द्वारा दिए सभी निर्देशों को मानन बेहद ही जरूरी होता है.

रोगों के सही तौर पर नियंत्रण के लिए टीकाकरण कवरेज कम से कम 80 फीसदी पशुओं में होना चाहिए.

वैक्सीनेशन को अंजाम देने के 2-3 सप्ताह पहले पशुओं को कृमिनाशक दवा खिलाना फायदेमंद होता है. इससे उनमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है.

बीमारी होने के अंदेशा हो तो कम से कम एक माह पहले वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए.

गर्भ की पहले वाली अवस्था में पशु के वैक्सीनेशन से बचना चाहिए. ज्यादातर मामलों में कुछ भी गलत नहीं होगा.

क्यों वैक्सीनेश से नहीं मिलता है फायदा
वैक्सीन बनने से वैक्सीनेशन तक कोल्डचैन को कायम रखने में होने वाली दिक्कत.

कमजोर और गैर पोषित पशुओं में बहुत कम या कम रोग-प्रतिरोधक रिस्पांस करने की क्षमता.

समूह के कुछ ही पशुओं का टीकाकरण किए जाने पर पूरे समूह में बीमारियों से लड़ने की क्षमता का कम होना.

वैक्सीन की घटिया क्वालिटी बार-बार लिक्विड और ठंडा करने पर क्वालिटी गिर जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Why did NDRI say, separate AI department is needed for research and development activities
पशुपालन

Indian Dairy: NDRI से देश को मिलेंगी 98 फीमेल डेयरी साइंटिस्ट और एक्सपर्ट, 22 को मिलेगी डिग्री

जिन साइंटिस्ट को मेडल आदि दिया जाना है उन्हें भी सूचित किया...

animal husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: अच्छा बछड़ा या बछिया चाहिए तो आजमाए ये टिप्स, आमदनी होगी डबल

भैंस के बच्चे को तीन माह तक रोजाना उसकी मां का दूध...

livestock
पशुपालन

Animal News: गर्मी में डेयरी पशुओं को लू से बचाने के लिए पढ़ें टिप्स

पशुओं को लू से बचाने के लिए ठंडी छाया के साथ पोषण...

सामान्य तौर पर गाय ढाई से 3 वर्ष में और भैंस तीन से चार वर्ष की आयु में प्रजनन योग्य हो जाती हैं. प्रजनन काल में पशु 21 दिनों के अंतराल के बाद गाभिन करा देना चाहिए.
पशुपालनसरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: इस राज्य में सरकार किसानों की बढ़ाएगी आय, फायदा पहुंचाने का खाका तैयार

मिशन को जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में किया कोआर्डिनेट किया...