नई दिल्ली. पशुपालन एक ऐसे व्यवसाय का रूप लेता जा रहा है. जिसको करके अब किसान अपनी आमदनी दोगुनी और तीनगुनी कर रहे हैं. कृषि के साथ-साथ पशुपालन करने वाले किसानों को इससे खूब मुनाफा हो रहा है. वहीं जो किसान अभी पशुपालन नहीं कर रहे हैं, सरकार उनकी इसके लिए जागरुक कर रही है. सरकार की तरफ से पशुपालन करने के लिए मदद भी दी जाती है. ताकि किसान सरकार की तरफ से दी जा रही मदद से अपना पशुपालन का व्यवसाय शुरू कर सकें. दरअसल, सरकार की मंशा है कि पशुपालन करके किसान अपनी इनकम को बढ़ाएं.
पशुपालन करने के साथ-साथ अब जैविक पशुपालन की भी चर्चा शुरू हो गई. जिसको लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि नेचुरल में बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी और इकोलॉजी व्यवस्था में स्थिरता की कमी देखी जा रही है. इन बीमारियों से बचने और इंसानों समेत अन्य प्राणियों को हेल्दी रखने के लिए बेहद ही जरूरी है कि प्रोडक्शन को बढ़ाने के साथ-साथ खाने वाले सामनों की क्वालिटी को भी बढ़ाया जाए. यही वजह है कि अब जैविक पशुधन उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि जैविक पशुपालन के क्या-क्या फायदे हैं.
जैविक पशुपालन के फायदों के बारे में पढ़ें
- एक्सपर्ट का कहना है कि यह एनवायरमेंट में प्रदूषण के स्तर को कम करके इसको हेल्दी बनाने में मदद करता है.
- यह इंसानों व अन्य प्राणियों में, कृषि व चारा उत्पादन में उपयोग होने वाले सेनेटाइज्ड केमिकल पदार्थों के अवशेषों को जाने से रोकता है. जिससे इनसे होने वाली कई घातक बीमारियों से बचा जा सकता है.
- जैविक पशुपालन की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे स्थायी कृषि व पशुपालन को बढ़ावा मिलता है.
- यह मिट्टी के लिए भी बेहद ही फायदेमंद है. एक्सपर्ट के मुताबिक मिट्टी की हेल्थ को ये बेहतर रखता है.
- एक्सपर्ट के मुताबिक कम लागत से अधिक मात्रा में व ज्यादा क्वालिटी वाले खाने के सामनों का उत्पादन होता है.
- यह नेचुरल रिसोर्स केक सुटेबल इस्तेमाल को सुनिश्चित करता है जिससे इन्हें लम्बे समय तक रिजर्व किया जा सके.
- यह पशुओं व अन्य मशीनों के लिए ऊर्जा बचत करता है साथ ही कृषि के असफल होने की संभावनाओं को भी कम करता है.
- जैविक खाद्य पदार्थों का बाजार मूल्य, सामान्य खाद्य पदार्थों से कई गुना अधिक होता है इस कारण किसान व पशुपालकों को अधिक लाभ की प्राप्ति होगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.
Leave a comment