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Dairy Farm: इन 5 प्वाइंट को पढ़कर जानें कैसा होना चाहिए आइडियल डेयरी फार्म, ताकि ज्यादा मिले फायदा

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नई दिल्ली. पशुपालन में एक आइडियल डेयरी बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए. एक्सपर्ट के मुताबिक पशु का आवास जितना बेहतर होगा रिजल्ट उतना अच्छा आएगा. इसे ऐसे समझें कि डेयरी फार्म जितना ज्यादा क्लीन तथा आराम दायक होता है, पशु का स्वास्थ्य उतना ही ज्यादा फिट रहता है. इससे वह अपनी क्षमता के अनुसार या फिर उससे ज्यादा भी दूध उत्पादन करने में सक्षम हो सकता है. अगर पशु उत्पादन क्षमता या फिर उससे ज्यादा प्रोडक्शन देता है तो इसका फायदा पशुपालकों को मिलता है. इसके उल्ट अगर प्रोडक्शन कम होता है तो नुकसान पशुपालकों को ही होता है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि डेयरी फार्म में व्यवस्था करने के लिए सबसे पहला चरण क्षेत्र की स्थिति है होता है. आदर्श आवास व्यवस्था में कई बातों का ध्यान देना जरूरी होता है. आइए इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि आइडियल एनिमल हाउस बनाने के लिए क्या करना जरूरी है.

बाजार के पास होना चाहिए
डेयरी फार्म बाजार, कस्बों या शहर के नजदीक होना चाहिए. जिससे दूध बेचने में आसानी से हो सके. डेयरी फार्म की स्थिति पूरी तरह शहर या कस्बे के अन्दर नही होनी चाहिए. क्योंकि गोबर इकट्ठा करने में समस्या होती है, और वातावरण प्रदूषित होने की स्थिति भी बनी रहती हैं.

सड़क के पास
डेयरी फार्म हमेशा सड़क के पास होना चाहिए. दूध एक ऐसा पदार्थ है जो कि कुछ समय के बाद खराब हो जाता है. यदि सड़क नजदीक है तो दूध का परिवहन ठीक से हो सकता है और दूध जल्द से जल्द बेचने वाले स्थान तक पहुंचाया जा सकता है.

पानी की आपूर्ति
डेयरी फार्म पर पानी स्वच्छ व आसानी से उपलब्ध होना चाहिए, ज्यादातर किसान पानी की आपूर्ति नलकूप या ट्यूबवैल द्वारा करते हैं. इसके लिए बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए. जहां तक हो सके, नहर, नदी या तालाब का पानी पशुओं को पीने के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिए.

जमीन की की स्थिति
एक आइडियल डेयरी फार्म के बीच का भाग हमेशा कुछ ऊंचाई पर होना चाहिए. इससे डेयरी फार्म के गन्दे पानी की निकासी आसानी से हो जाती है. गंदे पानी ही बीमारियों को बढ़ाता है, इसलिए उस क्षेत्र में ज्यादातर ऊंची-नीची जमीन नही होनी चाहिए तथा क्षेत्र की मिट्टी उपजाऊ होनी चाहिए. जिससे वहां पेड़ पौधे उगाए जा सकें.

जल निकासी व्यवस्था
यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है. इसके लिए डेयरी फार्म के एक भाग पर ढलान होना चाहिए. इससे पानी छोटी-छोटी नालियों से होता हुआ बड़ी नाली में आ जाता है और बड़ी नाली द्वारा डेरी फार्म से बाहर उस क्षेत्र में पहुंच जाता है जहां पर चारा इत्यादि पैदा होता है.

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