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Dairy: क्या दूध में पाउडर से बढ़ाना चाहिए फैट और एसएनएफ, सही तरीका जानें यहां

अगर थनैला पीड़ित पशुओं की पहचान नहीं हुई है तो दूध के जरिए भी इस बीमारी की पहचान की जा सकती है.
प्रतीकात्मक फोटो। livestockanimalnews

नई दिल्ली. हर पशुपालक की चाहत होती है कि वो पशु से प्राप्त दूध से ज्यादा से ज्यादा कमाई कर सके और उसका पशु ज्यादा दूध उत्पादन करे. यहां पशु पालक के लिए जाने वाली अहम बात यह है कि पशुपालक दूध में फैट और एसएनएफ बढ़कर डेयरी व्यवसाय में अच्छी कमाई कर सकते हैं. फै और एसएनएफ जिसे सोलिड नॉट फैट कहा जाता है यह दूध में जितना ज्यादा होगा दूध की कीमत उतनी ज्यादा बढ़ जाती है.

कई पशु पालक फैट और एसएनएफ को बढ़ाने के लिए पाउडर आदि भी मिलाते हैं. इस एसएनएफ तो बढ़ जाता है लेकिन दूध के फैट में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है. इसलिए दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने के लिए सही तरीकों का अपनाना जरूरी होता है. ऐसा करके पशु पालक दूध की क्वालिटी भी बेहतर कर पाएंगे और उन्हें पशु से प्राप्त दूध का अच्छा दाम भी मिल जाएगा. आइए यहां जानते हैं कि दूध में फैट और एसएनएफ बढ़ाने का सही तरीका क्या है.

अच्छी नस्ल का करें चुनाव
एक्सपर्ट के मुताबिक दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाने के लिए पशुपालक भाई उन्हें ब्याने पहले और ब्याने के बाद सही मात्रा में हरा चारा और सूखा चारा देना चाहिए. इसके अलावा पशुओं की साफ-सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए. इन्हें रोग से बचाकर रखना चाहिए. पशुपालक भाई अगर दूध की गुणवत्ता बेहतर चाहते हैं तो एक अच्छी नस्ल का पशु खरीदें. पशु पालक भाई इस बात का खास ध्यान रखें कि एक अच्छी नस्ल ही बेहतर उत्पादन क्षमता रखती है. इसलिए अगर आप डेयरी उद्योग के लिए एक गाय या भैंस खरीद रहे हैं तो उसकी नस्ल का चुनाव सोच समझकर करना चाहिए.

इंजेक्शन देने से बचें
इसके अलावा ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पशु को अधिक इंजेक्शन या खराब खाद्य सामग्री नहीं दी जाना चाहिए. ऐसा करने से न केवल पशु की दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है. बल्कि कई बार पशु के द्वारा दिया गया दूध भी दूषित हो जाता है. इसके साथ ही पशु के व्यवहार पर भी नजर बनाए रखें. कई बार पशुपालक और छोटे किसान के पास आय का जरिया सिर्फ दूध ही होता है. यही वजह है कि कई लोग मिलावट करने करते हैं.

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