नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश सरकार ने विधानसभा में साल 2024-25 के लिए बजट पेश किया तो किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं कीं. खासकर मछली पालन को बढ़ावा देने के मकसद से और किसानों की आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से 20 हेक्टेयर में नए मछली पकड़ने के तालाबों के निर्माण के लिए 80% तक की सब्सिडी पर वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया गया. बजट में कहा गया कि हमीरपुर जिले में जल्द ही कार्प फॉर्म वाला एक नया उत्कष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा. वहीं नालागढ़ स्थित मछली बीच फॉर्म में 5 करोड़ रुपये की लागत से एक ब्रूड बैंक स्थापित करने की भी बात कही गई. इसके अलावा 150 नई ट्राउट मछली उत्पादन इकाइयों और दो नई ट्राउट हैचरी स्थापित किए जाने का भी ऐलान हुआ.
कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र होगा स्थापित
हिमाचल प्रदेश सरकार के बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खों ने कृषि संबंधित योजना की घोषणाएं भी की है. उन्होंने ऐलान किया कि सोलन जिले के दाड़लाघाट में एक कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा. इसी सुविधा का प्रयोग किसानों को कृत्रिम गर्भाधान में प्रशिक्षित करने और पशुओं की अच्छी नस्ल उपलब्ध कराने के लिए होगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत डेनमार्क की तकनीक पर 44 करोड़ रुपए की लागत से ऊना जिले के बसाल में एक्सीलेंस सेंटर भी बनाया जाएगा.
भेड़ पालन को भी मिलेगा बढ़ावा
ऊन कटाई की व्यवस्था में सुधार पारंपरिक चरागाहों और रास्तों की कमी को दूर करने के लिए भेड़ पालक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है. कहा गया कि इस योजना से भेड़ पालकों को काफी फायदा होगा. खास बात यह है कि इस योजना पर 10 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई है. इसके अलावा वेब सक्षम कृषि पोर्टल पर चैटबॉट और एआई आधारित उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. भूमि अधिकार तथा पहुंच को सक्षम करने के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च होगा.
गेहूं इस एमएसपी रेट पर खरीदा जाएगा
वहीं सीएम ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी योजना की तीसरे घटक के रूप में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना की शुरुआत की है. कहा कि पहले चरण में प्रत्येक पंचायत में कम से कम 10 किसानों का रसायन मुफ्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. प्रदेश के 36000 किसानों का प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा. बेरोजगार युवाओं को भी खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा. प्रति परिवार अधिकतम 20 क्विंटल प्राकृतिक रूप से उगाया गए गेहूं और मक्का क्रमशः 40-30 के एमएसपी पर खरीदा जाएगा.
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