नई दिल्ली. बरसात के मौसम में पशुओं को खुरपका-मुंहपका बीमारी लग जाती है. ये बीमारी बहुत खतरनाक होती है, इसमें पशु मर तक जाते हैं. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. पशु विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचकर गोवंशीय और पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं. ?शासन ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को 31 अगस्त तक इस अभियान को पूरा करके टीकाकरण करने का निर्देश दिया है.
जनपद के पशुओं को खुरपका-मुंहपका बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है. 45 दिन के इस अभियान में पशु विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचकर गोवंशीय और महिषवंशीय पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं. बताया जा रहा है प्रदेश में अभी तक 75-80 फीसदी तक टीकाकरण पूरा कर लिया गया है. शेष अभियान भी जल्द पूरा करने के निर्देश टीमों को दिए गए हैं.
करोड़ों पशुओं को लगाया जाना है टीका
प्रदेश में हैं करोड़ों छोटे-बड़े पशु, जिन्हें प्रत्येक वर्ष खुरपका-मुंहपका की बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है. इस वर्ष ये अभियान 15 जुलाई से शुरू किया गया था. 45 दिन के इस अभियान में पशु विभाग की टीमें लगातार टीकाकारण को पूरा करने में जुटी हुई हैं. गांव-गांव पहुंच रही पशु विभाग की टीमों से किसान अपने पशुओं का निशुल्क टीकाकरण कराने की अपील कर रही हैं. पशुपालकों से कोई रुपया नहीं लिया जा रहा. टीमों द्वारा चार माह से कम के जानवर और 6 माह से अधिक गाभिन भैंस या गाय के टीकाकरण नहीं लगाया जा रहा है.
जल्द पूरा होगा टीकाकरण का लक्ष्य
मैनपुरी जिले के सीवीओ डाक्टर सोमदत्त सिंह ने बताया कि बारिश के दौरान अक्सर जानवरों में खुरपका, मुंहपका जैसी बीमारी आ जाती हैं. ऐसे में जानवर चारा छोड़ देते हैं और मर तक जाते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए जानवरों को टीकाकरण कराया जा रहा है. 31 अगस्त तक टीकाकरण अभियान पूरा करने का लक्ष्य है. अब तक जिले के 5.35 लाख पशुओं से अधिक का टीकाकरण पूरा भी कर लिया गया है. जल्द ही शेष बचे पशुओं का टीकाकरण हो जाएगा.
खतरनाक है खुरपका-मुहंपका बीमारी
खुरपका-मुहंपका बीमारी बरसात के दिनों में बकरियों को ज्यादा परेशान कर देती है. इस रोग के दौरान पशु के मुंह और जीभ के आसपास छाले पड़ने लगते हैं. ये रोग बारिश के दौरान ही ज्यादा लगता है. इसका इलाज तो संभव है. हालांकि विशेषज्ञ इसका इलाज महंगा बताते हैं. कुछ तो इसका घरेलू उपचार भी कर लेते हैं.
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