नई दिल्ली. आपने अक्सर साधु संत की समाधि लिये जाने की खबर सुनी और पढ़ी होगी. कई बार देखा भी होगा लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी कार को समाधि दी जाए. जी हां आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा. गुजरात में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक किसान ने अपनी पुरानी कार को लकी बताते कहा कि वह उसे बेचना नहीं चाहते, इस वजह से साधु संतों की मौजूदगी में उसे समाधि दी गई. हो सकता है कि आप ये भी पढ़कर हैरान हो जाएं कि इस समाधि के कार्यक्रम में किसान ने चार लाख रुपये खर्च किए हैं.
दरअसल, गुजरात के अमरेली जिले के लाठी तालुका के रहने वाले किसान संजय पोरला ने साल 2013 में एक कर खरीदी थी. इसके बाद संजय पोरला की किस्मत बदल गई और उनको आर्थिक रूप में बहुत फायदा हुआ. इसके अलावा समाज में भी उनकी मान-प्रतिष्ठा बढ़ गई. वह खेती-किसानी से आगे बढ़े और सूरत जाकर व्यापार शुरू किया और उसमें भी उन्हें कामयाबी मिली. संजय ने अपनी इस कामयाबी के पीछे लकी कार का होना बताया. उनका मानना है कि जब उन्होंने कार खरीदी उसके बाद ही से उनकी किस्मत ने करवट बदली.
ढोल-नगाड़े भी बजे
अब उनकी कार पुरानी हो चुकी है. इस वजह से उन्होंने सोचा कि इसे बेचने की बजाय क्यों न उसे यादगार बना दें और शास्त्रोक्त विधि कार को समाधि दे दी जाए. इसके लिए उन्होंने साधु संतों को आमंत्रित किया और रिश्तेदारों को भी बुलावा भेजा. धूमधाम से कार की समाधि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिस तरह से धार्मिक कार्यक्रमों में या शादियों में ढोल नगाड़े और गरबा कार्यक्रम होता है, ठीक उसी तरीके से कार की समाधि कार्यक्रम में भी हुआ.
कार्ड भी छपवाया था
आपको बताते चलें कि संजय ने रिश्तेदारों को बुलाने के लिए बाकायदा तौर पर कार्ड छपवाया था और उसके जरिए इस कार्यक्रम में उन्हें बुलाया था. वहीं स्थानीय लोगों और आसपास के लोगों को भी कार के समाधि अवसर पर आयोजित किए गए भंडारे में बुलाया गया था. सभी की मौजूदगी साधु संतों ने विधि विधान के साथ कार को समाधि दी. इस पूरे कार्यक्रम में संजय पोरला ने तकरीबन चार लाख रुपये खर्च किए.
समाधि स्थल पर होगा पौधरोपण
संजय पोरला ने कहा कि जो कार 10 साल से वह इस्तेमाल कर रहे थे. वह उनके लिए बेहद ही लकी थी. इसलिए उसे बेचना नहीं चाहते थे. कार की यादगार बनी रहे. इसलिए साधु संत और पूरे गांव और रिश्तेदारों को आमंत्रित करके कार की समाधि का कार्यक्रम आयोजित किया. कार की समाधि के लिए जमीन पसंद की और वहीं पर 1500 लोगों की मौजूदगी में कार को समाधि दी गई. संजय ने बताया कि अब जहां पर कार को समाधि दी गई है वहां पर वह पौधारोपण करेंगे.
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