नई दिल्ली. पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए देशभर में अलग-अलग राज्यों की सरकार कई योजनाएं चलाती हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान पशुपालन से जुड़कर दूध उत्पादन करें और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर किसानों का खुद का डेयरी फार्म खोलने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से मदद की जा रही है. इसके लिए सरकार की तरफ से हाईटेक डेयरी फार्म को खोलने के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराई जा रही है. जिसके तहत पशुपालकों को आर्थिक मदद की जाती है. ताकि वह अपनी डेयरी इकाइयां शुरू कर सकें.
डेयरी फार्म खोलने का फायदा यह है कि वहां पर दूध उत्पादन किया जाएगा और इसे बेचकर किसान अपनी आजीविका चलाएंगे. किसानों की इनकम दोगुनी होगी. अगर आप योजना का फायदा उठाना चाहते हैं तो सरकार की ओर से कुछ नियम और शर्तें भी लगाई गईं हैं. जिसको मानना जरूरी होगा. तभी इस योजना का फायदा मिल सता है. आइए इस बारे में डिटेल से जानते हैं.
25 फीसदी मिलती है सब्सिडी
हरियाणा में शुरू की गई डेयरी फार्म खोलने की स्कीम के तहत दो दुधारू पशुओं की डेयरी इकाइयां खोलने के लिए आर्थिक मदद की जाती है. दुधारू पशुओं की कुल कीमत पर 25 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है. यह सब्सिडी पशुओं की डेयरी इकाइयां खोलने के लिए पशुओं की खरीद पर हुए खर्च या लोन पर दिए जाने का नियम है. वहीं बीमा मदद वित्तीय वर्ष के दौरान जारी विभागीय स्कीम की उपलब्धता के मुताबिक की जाती है. अगर यहां से मदद नहीं मिलती तो पशुओं को बीमा का प्रीमियम खुद ही भुगतान करना पड़ता है.
यहां पढ़ें क्या हैं शर्तें
इस योजना का फायदा उठाने के लिए परिवार का पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक की पासबुक या कैंसिल चेक के साथ आवेदन करना जरूरी है. आवेदक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह हरियाणा का निवासी होना चाहिए. आवेदक का बेरोजगार होना भी जरूरी है. जिसके पास रोजगार है, उसे इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा. इसके आवेदन में किसी तरह की शैक्षणिक योग्यता या ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है. आवेदक के पास पशुओं को रखने के लिए जगह यानि शेड होना जरूरी है. कोई फर्म या संगठन इस योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकता है. क्योंकि यह योजना व्यक्तिगत है. वहीं योजना के तहत आवेदक को बेरोजगार होने और अन्य शर्तों का पालन करने के लिए एक घोषणा पत्र भी देना होगा.
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