नई दिल्ली. इसमें कोई शक नहीं है कि अगर किसान कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी करने लगें तो उनको दोहरा फायदा हो सकता है. जबकि ऐसे किसान जिनके पास जमीन कम है, उनके लिए पशुपालन एक बेहतर व्यवसाय है. हालांकि पशुपालन में कामयाबी तभी मिल सकती है जब पशुओं की देखरेख, उनके खानपान और रहने की बेहतर व्यवस्था की जाए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो बेहतरीन नस्ल पालने के बावजूद दूध उत्पादन ज्यादा नहीं होगा. जिसके नतीजे में ये कहा जा सकता है कि पशुपालन करने से किसानों को लाभ कम नुकसान ज्यादा होगा.
यही वजह है कि पशुपालन करने की इच्छा रखने वाले किसानों के मन में अक्सर कई सवाल चलता रहता है कि कैसे इसे फायदेमंद बनाया जाए. बता दें कि पशुपालन में आवास का अहम रोल है. इसलिए आवास को लेकर क्या-क्या व्यवस्थाएं की जाती हैं. इससे जुड़े 6 सवाल जो सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं, आइए इन सवाल और उनके जवाब को जानते हैं.
प्रश्न 1 एक अच्छे पशु आवास का क्या महत्त्व है?
उत्तर- एक अच्छे एवं आरामदायक आवास उपलब्ध कराने पर पशु को वातावरण के गलत प्रभाव से बचाया जा सकता है. पशु आवास ऐसा हो जो पशु को समुचित आराम प्रदान करे और उसमें खान पान एवं दूध निकालने की समुचित व्यवस्था हो. पशु आवास हवादार होना चाहिए परन्तु इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गर्मी एवं सर्दियों में तेज हवाऐ पशु को न लगें.
प्रश्न 2 पशु आवास की सफाई कैसे करें?
उत्तर- आवास आमतौर पर आसपास के क्षेत्रों की तुलना में ऊंचे स्थान पर स्थित होना चाहिए. ताकि उसके आस पास पानी इक्ट्ठा न हो, साथ ही गोबर एवं गोमूत्र का निकास भी आसानी से हो सके.
प्रश्न 3 पशु आवास के फर्श की स्पेशलिटी होनी चाहिए?
उत्तर- पशु आवास का फर्श खुरदरा कांक्रीट का होना चाहिए यह अत्याधिक सख्त एवं फिसलने वाला न हो. कच्चे फर्श में सफाई का ध्यान रखना पड़ता है. फर्श के पास कुछ टेम को कच्छा रख देना चाहिए जहां पर रेत अथवा मिट्टी डाली जा सकती है.
प्रश्न 4 पशु आवास पर स्वच्छ पेयजल का क्या महत्त्व है?
उत्तर- पशु आवास में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए. पानी की हौदी (टंकी) की नियमित सफाई करनी चाहिए और उसमें चूने का लेप भी हर सप्ताह करना चाहिए। स्वच्छ पानी की कमी दुधारू पशु के दुग्ध उत्पादन को प्रभावित करती है.
प्रश्न 5 आगस के आस-पास पेडों का क्या महत्त्व है?
उत्तर- आवास के भीतर तथा बाहर छायादार वृक्षों के होने से तापमान में समान्यता 3-5 डिग्री की कमी हो जाती है. जिससे पशु के उपर गर्मी का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता.
प्रश्न 6 ग्रीष्म काल में पशुओ का बचाव कैसे करें
उत्तर- गर्मी के दिनों गर्मी बढ़ने से जानवरों को बहुत तकलीफ होता है. गर्मी के मारे जानवर बेहाल हो जाते हैं. वे पसीना बहाकर और हाफ हाफ कर अपने शरीर को किसी प्रकार से ठण्डा रखने की कोशिश करते हैं. पशु आवास के आस-पास छायादार पेड़ों के होने से तापमान में गिरावट आती है. पशुओं के शरीर पर 15 से 20 मिनट के अन्तराल पर पानी छिड़कने से राहत मिलती है. यही पानी भांप बनकर उन्हे ठंडक पहुंचता है.
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