नई दिल्ली. भारत में बड़े पैमाने पर पशुपालन किया जा रहा है. पशुपालन अब किसानों की आय का दूसरा जरिया बन गया है. बहुत से किसान पशुपालन करके अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं. खेती किसानी में फायदा कम और नुकसान ज्यादा होने के चलते किसानों का रुख भी तेजी की तरह से इस ओर मुड़ा है. जबकि लघु किसान भी पशुओं को पालकर और इसका दूध बेचकर पैसा कमा रहे हैं. जबकि सरकारें भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन को बढ़ाने देने का काम कर रही हैं.
पशुओं के दूध से जहां अच्छी आमदनी होती है. वहीं हमें यह भी जान लेना जरूरी है कि बेहतर दूध किन पशुओं का होता है. बहुत से किसान विदेशी नस्ल के पशुओं को पालते हैं और जो ज्यादा दूध उत्पादन करते हैं. हालांकि देशी पशुओं के दूध में कई क्वालिटीज होती हैं. जो उन्हें विदेशी पशुओं से बेहतर बनाती है. पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय मध्य प्रदेश की ओर से इस बारे में किसानों को बताया भी गया है. आइए जानते हैं इन्हीं क्वालिटीज के बारे में.
देशी पशुओं के दूध सुरक्षित हैं. क्योंकि A1 एलील के हानिकारक प्रभाव के संपर्क में नहीं आते हैं.
A2 दूध हेल्दी होता है. जिससे हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता की कार्य पद्धति में तेजी से सुधार होता है.
A2 दूध आमतौर पर पोषण के मामले में मां के दूध के समान माना जाता है. यह संरचना में ज्यादा मीठा और गाढ़ा होता है. इसमें अधिक अच्छी सुगंध और टेस्ट होता है.
देसी मवेशियों से हासिल होने वाले A2 दूध ज्यादा पौष्टिक माने जाते हैं. क्योंकि इसमें कोलोस्ट्रम होता है. जो एंटीबॉडी में जरूरी होता है.
यह विटामिन डी और ओमेगा 3 से भी भरपूर होता है जो शरीर की ज्यादा वसा और खराब जमा कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा दिलाने के लिए आइडियल है.
स्वदेशी पशु के दूध में पाया जाने वाला A2 दूध दिमाग की शक्ति और प्रतिष्ठा स्तर को बढ़ाता है.
देशी नस्ल के पशु से हासिल दूध में अल्सर, सूजन, दस्त और पाचन संबंधित होने वाली समस्याओं को पैदा होने से रोकता है या लैक्टोज के लिए उपयुक्त है.
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