नई दिल्ली. नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में मुर्गी पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. जहां मुर्गीपालन के फायदे और इस व्यापार से होने वाले मुनाफे आदि के बारे में जानकारी दी गई. वहीं कार्यक्रम में मुर्गी पालन में होने वाली दिक्कतें और मुर्गियों की बीमारी और उपचार आदि के बारे में बताया गया. कुलपति डॉ. सीता प्रासाद तिवारी के मार्गदर्शन में अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत, सयुक्त पशुधन डोमेन में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
एक दिवसीय मुर्गी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुसूचित वर्ग के आर्थिक उत्थान एवं उन्हें मुर्गी पालन से जोड़ने के उद्धेश्य से कुक्कुट विज्ञान विभाग द्वारा , नादेपचिविवि जबलपुर में मुर्गी पालन में प्रशिक्षण दिया गया था. इस कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाए/पुरुषो एवं युवाओं ने सक्रिय भाग लिया. इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को मुर्गी पालन के विभिन्न आयामों से परिचित करा उन्हें व्यवसायिक रूप से मुर्गीपलन अपनाने हेतु प्रेरित किया गया.
65 मुर्गीपालकों ने लिया हिस्सा
बता दें कि इस कार्यक्रम के तहत लगभग 65 मुर्गीपालकों को ट्रेनिंग दी गई और उन्हें अहम जानकारी से रूबरू होने का मौका मिला. मुर्गीपालकों ने कहा कि ये ट्रेनिंग कैंप उनके लिए बहुत ही अच्छा साबित हुआ. इस कैंप में कई अहम जानकारी मिली, जिसको अपनाकर वो अपने पोल्ट्री कारेबार को और बढ़ा सकते हैं और इससे काफी मुनाफा कमा सकते हें. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन डॉ. वैशाली खरे, शिवांगी शर्मा, भावना अहरवाल, प्रमोद शर्मा ने किया. साथ ही इस कार्यक्रम में डॉ. एसके जोशी, डॉ. जीपी लखानी, डॉ सुनील नायक डॉ. एपी सिंह, डॉ. एसके करमोरे इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.
अच्छी कमाई कर सकते हैं
बताते चलें कि मुर्गीपालन कम खर्च में किया जाने वाला बहुत ही बेहतरीन कारोबार है. इस कारोबार से जुड़कर बहुत से किसान अपनी आय दोगुनी कर रहे हैं. इस कारोबार को करने के लिए बहुत ट्रेनिंग की भी जरूरत नहीं होती है. थोड़ी बहुत जानकारी करने के बाद पोल्ट्री संचालक इस कारोबार से जुड़कर कमाई कर सकते हैं. वहीं सरकार और कई संस्थान पोल्ट्री कारोबार से लोगों को जोड़ने के लिए कई अवेयरनेस प्रोग्राम चलाते हैं. ट्रेनिंग कार्यक्रम भी चलाकर किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है.
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