Home पोल्ट्री Poultry Farming: कैसे संक्रामक बीमारियों से मुर्गियों और पशुओं को रखें सुरक्षित, वेटरनरी विवि ने दी ट्रेनिंग
पोल्ट्री

Poultry Farming: कैसे संक्रामक बीमारियों से मुर्गियों और पशुओं को रखें सुरक्षित, वेटरनरी विवि ने दी ट्रेनिंग

फाउल टाइफाइड के बारे में पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि ये बीमारी मुर्गी पालन को बहुत नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली। मौसम बदलने के साथ ही मुर्गियों और पशुओं में बीमारियां भी बढ़ती हैं. कई बीमारियां ऐसी होती हैं जिनसे मुर्गी पालक को नुकसान उठाना पड़ता है. संक्रामक बीमारियों से मुर्गियों और पशुओं को कैसे बचाएं, बीकानेर के एपेक्स सेंटर में वेटरनरी डॉक्टर ने तीन दिन की ट्रे​निंग दी. पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय बीकानेर में इसके लिए प्रशिक्षु इकट्ठा हुए.

पशुओं एवं मुर्गियों में रोग निदान की तकनीकों पर तीन दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम बुधवार को समाप्त हुआ. कार्यक्रम के अंतिम दिन वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर के अधिष्ठाता प्रोफेसर हेमंत दाधीच ने कहा, कि वेटरनरी विश्वविद्यालय में रोग निदान की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. प्रशिक्षणों के माध्यम से हमें नवीन तकनीकों के उपयोग और संक्रामक रोग को रोकथाम की विधियों को जानने का मौका मिलता है.

पशुओं में देखने को मिल रहे संक्रामक रोग अनुसंधान के डायरेक्टर डॉक्टर बीएन. श्रृंगी ने बताया कि रोग निदान पर आधारित इस तीन दिवसीय प्रोग्राम में जो तकनीकी मिली है, उसे अपने कार्यक्षेत्र में भी इस्तेमाल करें। पशुओं में नये-नये संक्रामक बीमारियों देखने को मिल रही है, जिनका जल्द निदान आवश्यक होना चाहिए ताकि समय पर उपचार किया जा सके और पशुधन को बचाया जा सके। इस दौरान विशिष्ट अतिथि पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉक्टर गीता बेनीवाल ने बताया कि आने वाला समय आधुनिक पद्धतियों को अपनाने का है, जिससे पशु रोगों के मूल कारण को जानना आसान हो गया है. पशुचिकित्सक को नई तकनीकों का की जानकारी होना जरूरी है. जो इन प्रशिक्षणों के माध्यम से मिल सकती है. इसलिए पशुचिकित्सकों को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण लेते रहना चाहिए.

प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए. प्रशिक्षण समन्वयक एवं प्रभारी अधिकारी एपेक्स सेन्टर डॉक्टर राजेश सिंगाठिया ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर रामकुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और मंच का संचालन डॉक्टर ममता गुर्जर ने किया.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मुर्गी और चूजों को अन्य मुर्गियों से थोड़ा अलग सूखा, हवादार व सुरक्षित दड़बा देना चाहिए. ताकि वह अपनी और चूजों की हिफाजत कर सके और उन्हें अच्छी तरह से पाल सके.
पोल्ट्री

Poultry Farming Business : कैसे करें चूजों की अच्छी देखभाल, एक्सपर्ट से जानिए टिप्स

मुर्गी और चूजों को अन्य मुर्गियों से थोड़ा अलग सूखा, हवादार व...

इस बत्तख का आकार मध्यम होता है. ये बत्तख मुख्य रूप से मांस और अंडों के लिए पाली जाती हैं.
पोल्ट्री

Andamani Duck: अंडमान-निकोबार की पहचान है अंडमानी बत्तख, मीट और अंडों के लिए करते हैं पालन

ये बत्तख अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मध्य और उत्तरी भागों...