नई दिल्ली. मछली पालन करना चाहते हैं तो जरूर करें. ये बहुत ही मुनाफा पहुंचाने वाला बिजनेस है. अगर एक हेक्टेयर में 5 टन मछली का उत्पादन होगा तो करीब 5 लाख रुपये तक की इनकम आपको हो सकती है. सरकार भी नीली क्रांति के जरिए मछली पालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. मछली पालन ग्रामीण इलाकों में जहां तालाब है, आसानी से किया जा सकता है. वहीं अब केज फिश फार्मिंग का भी जमाना है. जिसको अपनाकर लोग कमाई कर रहे हैं. मछली पालन में भी कुछ बातों का ख्याल रखना होता है, जिससे ये व्यवसाय बहुत तेजी से फलने-फूलने लगता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि मछली पालन के लिए जरूरी है कि उनके आहार पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. इससे उनकी ग्रोथ तेजी से बढ़ती है. अगर आप भी मछली पालन कर रहे हैं और मछलियों की ग्रोथ को लेकर परेशान हैं तो फिर यहां बताए जा रहे पांच किस्म के आहार से इसे बढ़ा सकते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
पाउडर वाला फीड
फाउडर आहार आमतौर पर हैचरी में छोटी मछलियों के लिये उपयोगी होता है. इस आहार का उपयोग सूखे पाउडर या पानी में मिलाकर किया जाता है. यह फीड पानी को बहुत जल्दी प्रदूषित कर सकता है. इसलिए बहुत अधिक मात्रा में आहार देने से बचना चाहिए.
ग्रोथ बढ़ाने वाला आहार
मछलियों की ग्रोथ मत्स्य आहार अलंकारी मछलियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस आहार में कैरोटीनॉयड मिला होता है, जिससे मछलियों में की ग्रोथ तेजी से होती है. इसके अलावा रंगों में नयापान आता है.
दवा वाले फीड
अक्सर मछलियों को दवा वाले फीड भी दिए जाते हैं. इसका इस्तेमााल मछलियों के रोग संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है. औषधीय मत्स्य आहार का सूखे फीड एक प्रकार से प्राकृतिक मत्स्य आहार ही होते हैं, जिन्हें ज्यादा प्रोसेस नहीं किया जाता है.
सूखे आहार
सूखे मत्स्य आहार की पोषकता ताजे या जीवित मत्स्य आहार की तुलना में कम होती है. सप्लीमेंट फीड के रूप में यह एक अच्छा विकल्प होता है. सूखे आहार में ब्लड वॉर्म, ब्राइन ब्रिम्प, प्लवक, क्रिल और कई अन्य अकशेरुकी जीव प्रमुख हैं.
जीवित मत्य आहार
जीवित मत्स्य आहार मछली के आहार के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं. जीवित मत्स्य आहार जलीय वातावरण में आसानी से उपलब्ध नहीं होता है. इसलिए इसे देना फायदेमंद होता है. कुछ मांसाहारी मछलियों या फिंगर फिश के लिए जीवित आहार खिलाना जरूरी होता है. फ्राई अवस्था में जिन्हें आहार के रूप में जीवित मत्स्य आहार खिलाया जाता है, उनकी ग्रोथ और जीवित रहने की दर बहुत अच्छी होती है. ज्यादातर मछलियों को सप्ताह में कम से कम दो बार जीवित मत्स्य आहार खिलाने की सलाह दी जाती है. आहार के रूप में उपयुक्त जीवों में ब्लडवॉर्म, मौलवॉर्म, ब्लैकवॉर्म, ट्यूबिफेक्स, ग्लासवॉर्म, ग्रिडल वॉर्म, व्हाइट वॉर्म, रेड वॉर्म, डैफनिया इत्यादि है.
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