Home पशुपालन Animal Husbandry: पशुओं की अच्छी सेहत और प्रोडक्शन के लिए ठंड में करें इन 14 टिप्स पर काम
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Animal Husbandry: पशुओं की अच्छी सेहत और प्रोडक्शन के लिए ठंड में करें इन 14 टिप्स पर काम

langda bukhar kya hota hai
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. लगभग हर मौसम के बदलाव के साथ पशुपालन में कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती है. क्योंकि मौसम चाहे जो भी हो, जब उसकी शुरुआत होती है तो आम इंसानों के साथ—साथ पशुओं के लिए भी खतरे घंटी बज जाती है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात के बाद सर्दी के मौसम का आगाज होता है. इस दौरान पशुओं के खानपान, रखरखाव और टीकाकरण में कतई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. यदि ऐसा हुआ तो पशु तुरंत बीमार पड़ जाएंगे. दिक्कत उससे भी बढ़कर है कि कई बार ये बीमारियां पशुओं की जान भी ले लेती हैं. इसके अलावा दुधारू पशुओं का दूध भी कम हो जाता. जिससे पशुपालकों को बड़ा नुकसान होता है.

हालांकि पशुपालक चाहें तो किसी भी मौसम की शुरुआत में ही कुछ उपाय करके अपने पशुओं को तमाम परेशानियों से बचा सकते हैं. केन्द्र और राज्य सरकार भी किसानों को इस तरह के नुकसान से बचाने को लेकर तमाम स्कीम चलाती है. जबकि वक्त-वक्त पर एडवाइजरी भी जारी की जाती है. वहीं सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर किसान पशुपालन में आने वाले जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं. जबकि गांव और कस्बों के पशु अस्पताल में भी ये सभी सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं.

पशुपालकों को क्या-क्या करना चाहिए
आमतौर पर अक्टूबर से सर्दी शुरू हो जाती है. इसलिए पशुओं को सर्दी से बचाने का इंतजाम प​हले से कर लेना चाहिए.
सर्दी के मौसम में ज्यादातर भैंस हीट में आ जाती हैं. ऐसा होते ही पशु को गाभिन करा लेना चाहिए.
भैंस को मुर्राह नस्ल के नर से या नजदीकी केन्द्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराना चाहिए.
भैंस बच्चा देने के 60-70 दिन बाद दोबारा हीट में ना आए तो फौरन ही जांच कराने की सलाह दी जाती है.
गाय-भैंस को जल्दी हीट में लाने के लिए मिनरल मिक्चर जरूर खिलाना चाहिए.
पशुओं को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर दवाई का छिड़काव भी कराना चाहिए.
दुधारू पशुओं को थैनेला रोग से बचाने के लिए डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
पशुओं को पेट के कीड़ों से बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाई लेना चाहिए.
ज्यादा हरा चारा लेने के लिए बरसीम की बीएल 10, बीएल 22 और बीएल 42 की बिजाई अक्टू‍बर में करा देना चाहिए.
बरसीम का ज्यादा चारा लेने के लिए सरसों की चाइनीज कैबिज या जई मिलाकर बिजाई करें.
बरसीम के साथ राई मिलाकर बिजाई करने से चारे की पौष्टिकता और उपज दोनों ही बढ़ती हैं.
एक्सपर्ट कहते हैं कि बरसीम की बिजाई नए खेत में कर रहे हैं तो पहले राइजोबियम कल्चर उपचारित जरूर कर लें.
जई का ज्यादा चारा लेने के लिए ओएस 6, ओएल 9 और कैन्ट की बिजाई अक्टूबर के बीच में कर दें.
बछड़े को बैल बनाने के लिए छह महीने की उम्र पर उसे बधिया करा दें.

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