Home मछली पालन Fish Farming: तालाब की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इन फर्टिलाइजर का करें इस्तेमाल, पढ़ें डिटेल
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Fish Farming: तालाब की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इन फर्टिलाइजर का करें इस्तेमाल, पढ़ें डिटेल

अगर आप छोटे गड्ढे में मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको तालाब के आकार को चुनना होगा. एक से 2000 स्क्वायर फीट के तालाब में आप बढ़िया मछली पालन कर सकते हैं.
तालाब में मछली.

नई दिल्ली. मछली पालन में अगर मछली की ग्रोथ अच्छी नहीं होती है तो फिर मछली पालक को ज्यादा फायदा नहीं होता है. इसलिए एक्सपर्ट मछली पालकों को सलाह देते हैं कि मछलियों को ऐसी फीड खिलाएं, जिससे ग्रोथ ज्यादा हो और फिर इसका फायदा मछली बेचते समय मिले. ऐसा करने के लिए तालाब में पर्याप्त मात्रा में मछलियों के लिए नेचुरल फीड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तालाब की उत्पादकता बढ़ाना बहुत ही आवश्यक है. जिस वजह से तालाब में उर्वरक के रूप में कुछ चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि कार्प मछलियों को प्लैंकटन को बड़े चाव से खाती हैं.

इसके लिए बीज संचयन से 15 दिन पहले गोबर 5 टन प्रति हेक्टेयर और बाद में हर महीने में 500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से छिड़काव करें. अगर तालाब में महुआ की खल्ली का उपयोग किया गया है तो गोबर की मात्रा आधी हो जाएगी. वहीं मुर्गे के बीट को 1.5 टन पानी में घुलाकर, छान कर बीज संचयन से 15 दिन पहले तथा 200 किलोग्राम प्रति माह प्रति हेक्टेयर डाला जा सकता है.

प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए ये भी करें
एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे उर्वरक का इस्तेमाल जिसमें 750 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर खल्ली और 200 किलोग्राम गोबर हो तो इससे उत्पादकता बहुत बढ़ जाती है. इस मात्रा के आधे भाग को बीज संचयन से 2-3 दिन पहले तथा बाद में यह 2-3 बार में उपयोग में लाया जा सकता है. ऐसा देखा गया है कि तालाब में अच्छी प्लैंकटन की उत्पादकता और नियमित खाद के उपयोग के बाद भी स्पॉन के भोजन की जरूरतों को पूरी तरह प्राप्त नहीं किया जा सकता है. इसलिए नर्सरी में अलग से मछलियों को भोजन देना बेहद ही जरूरी होता है.

ये फीड देना चाहिए
इसके लिए स्थानीय खाद्य पदार्थ जैसे सरसों के खल्ली, धान का कुंडा, गेहूं का कुंडा, फिश मिल, सिल्कवर्म इत्यादि उपयोग में लाया जा सकता है. हम धान का कुंडा और सरसों की खल्ली का मिश्रण 1:1 के अनुपात में करते हैं. आमतौर पर 1 लाख स्पॉन का वजन 140-160 ग्राम (प्रजाति के अनुसार) अथवा 200 मिली होता है. स्पॉन के पूरे वजन का दो गुना भोजन प्रथम सप्ताह प्रति दिन की दर से देना चाहिए. वहीं 100000 स्पॉन पर 300 ग्राम भोजन प्रति दिन फीड दिया जाता है. दूसरे सप्ताह में स्पॉन के कुल वजन का चार गुना भोजन यानि 600 ग्राम भोजन प्रति दिन की दर से दिया जाना चाहिए. स्पॉन को 20-25 दिन तक नर्सरी में 25 एम.एम. फ्राई (2.5 से.मी.) आकार में आने तक पालन किया जाता है.

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