Home पशुपालन Cow: गुजरात की इस यूनिवर्सिटी में सकारात्मक ऊर्जा के लिए पाली जााएगी गिर गाय, पढ़ें किसने ये सलाह
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Cow: गुजरात की इस यूनिवर्सिटी में सकारात्मक ऊर्जा के लिए पाली जााएगी गिर गाय, पढ़ें किसने ये सलाह

गिर क्रॉस गाय की कीमत को तय करने के लिए सबसे पहले उसके दूध की मात्रा और ब्यात को देखा जाना चाहिए.
गिर गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. गुजरात के सूरत मैं मौजूद वीर नर्मद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) इन दिनों अपने एक फैसले को लेकर चर्चा में है. दरअसल, इस यूनिवर्सिटी ने कैंपस में सकारात्मक ऊर्जा यानी पॉजिटिव वॉइव्स के लिए 5 से 7 गिर गाय पालने का फैसला किया है. इसके बाद से यूनिवर्सिटी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी की ओर से फैसला किया गया है कि गायों पर रिसर्च के लिए यहां पर कामधेनु चेयर नाम का एक डिपार्टमेंट बनेगा जो गाय आधारित रिसर्च और आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देगा. दरअसल पिछले कुछ समय से यूनिवर्सिटी में पेपर लीक ग्रेजुएशन कोर्स में छात्रों का कम परसेंट आना, अलग-अलग कामों के टेंडर मिलने में देरी जैसे अन्य मुद्दों की समस्या रही है. इसके बाद से ही गाय पालने का फैसला लिया गया है.

यूनिवर्सिटी ने बताया है कि ये फैसला यूनिवर्सिटी ने खुद नहीं लिया है बल्कि तमाम समस्याओं का समाधान के लिए एक ज्योतिषी से संपर्क किया था तो उनकी राय पर गाय पालने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही यूनिवर्सिटी ने 48 साल पहले बने अपने एडमिन ब्लॉक को तोड़ दिया था. क्योंकि इसमें दरारें आ गईं थीं और एक सर्वे रिपोर्ट से भी पता चला था कि यह इस्तेमाल के लिए ठीक नहीं है. इसके बाद से एडमिन का कामकाज एक अन्य बिल्डिंग में चल रहा है.

नई बिल्डिंग के लिए 30 करोड़ रुपए हुए मंजूर
वहीं बिल्डिंग के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए के फंड की भी मंजूरी दी गई है. हालांकि इससे कुछ सप्ताह पहले ही वास्तुकारों के अलावा 60 साल से चलने वाली यूनिवर्सिटी ने एक ज्योतिषी शास्त्री और वस्तु विशेषज्ञों से भी संपर्क किया था, उन्होंने नई बिल्डिंग बनाने से पहले कैंपस में को देखा और और तीन जगह का चयन किया. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. केएन चवड़ा ने बताया कि ज्योतिषी और विशेषज्ञों के सुझाव पर नई इमारत के स्थान पर एक महीने के लिए 5 से 7 गायों को रखा जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी.

5 से 6 मंजिला ऊंची होगी नई इमारत
कुलपति ने कहा कि ज्योतिषी ने गाय रखने के बाद यहां पर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होने और इसके बाद प्रशासन को सही ढंग से काम चलाने में मदद मिलने की बात कही है. जिस वजह से गाय पालने का फैसला किया गया है. कुलपति ने बताया कि कुछ गैर सरकारी संगठनों से संपर्क किया गया कुछ गायों को उपलब्ध कराने में उनकी मदद मांगी गई है. जिन्हें एक अस्थाई क्षेत्र में रखा जाएगा. फिर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी. नई इमारत को 5 से 6 मंजिल ऊंची बनाया जाएगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा दफ्तर बनाए जा सकें. नई इमारत में कर्मचारी छात्रों के लिए पार्किंग की सुविधा भी होगी. तीन जगह में से एक जगह को शॉर्टलिस्ट किया गया है.

कामधेनु चेयर में होंगे ये काम
यूनिवर्सिटी कैंपस में कामधेनु चेयर भी बनाया जाएगा. इसके बारे में बताया जा रहा है कि इससे छात्रों में जागरूकता लाने की कोशिश की जाएगी. गाय आधारित रिसर्च और आंत्रप्रेन्योरशिप पर एक कोर्स शुरू किया जाएगा. इसमें गाय आधारित खेती, जैविक उत्पाद, आयुर्वेद और बायो गैस तकनीक जैसे विषय शामिल किए जाएंगे. यह डिपार्टमेंट गया आधारित प्रोडक्ट बायोफर्टिलाइजर और प्राकृतिक कीटनाशकों जैसी तकनीक में रिसर्च को बढ़ावा देगा. यूनिवर्सिटी में वर्कशॉप कराए जाएंगे और गाय आधारित उद्योगों पर केंद्रीय स्टार्टअप शुरू किए जाएंगे. इसमें छात्रों की मदद की जाएगी.

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